ब्रांडेड दवाओं के स्थान पर जेनरिक दवाएं लिखें चिकित्सक : स्वास्थ्य सचिव

देहरादून, 11 जनवरी (हि.स.)। अब राजकीय चिकित्सकों को बाहर की दवाएं लिखना भारी पड़ेगा। इस संदर्भ में उत्तराखंड सरकार सख्त हो चुकी है। इस आशय की जानकारी गुरुवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने दी।

डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि चिकित्सकों को चाहिए कि वह महंगी दवाएं न लिखें। उन्होंने बताया कि राजकीय अस्पतालों में मरीजों के पर्चे पर ब्रांडेड कंपनियों की महंगी दवाइयां लिखने पर सरकार सख्त है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत भी कई बार कह चुके हैं कि कोई भी सरकारी अस्पताल का डॉक्टर बाहर की दवाइयां नहीं लिखेगा, लेकिन अस्पतालों में इसके उलट मामला देखने को मिलता ही रहता है। जहां पर अस्पताल के डॉक्टर मरीज को बाहर की दवाइयां लिखते हैं वहां पर मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कम कीमत पर अपना इलाज करवाने आए मरीज़ों को अक्सर अस्पताल परिसर के बाहर किसी केमिस्ट से दवाई लेने का पर्चा थमा दिया जाता है, जिसके चलते मरीज़ों को मजबूरन महंगे रेट पर दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। अब मरीजों के पर्चे में बाहर की दवाइयां लिखने वाले डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

सचिव स्वास्थ्य का कहना है की स्पष्ट तौर पर सभी सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि पर्चे में जेनरिक दवाइयां ही लिखी जाएं। अगर निर्देशों का पालन नही किया जाता है तो कठोर से कठोर कार्रवाई की जायेगी। इन निर्देशों का जहां पालन नही हो रहा है वहां पर करवाई की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

   

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