ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते : पश्चिम रेलवे आरपीएफ ने 2023 में 856 बच्चों को बचाया

>> मानव तस्करी रोकने के लिए बनाई गई हैं 77 एंटी ट्रैफिकिंग इकाइयां

मुंबई, 16 जनवरी, (हि. स.)। भारतीय रेल पर लापता बच्चों का पता लगाने और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए ''ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते'' अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर पाए जाने वाले बच्चों को बचाना है, जिन्हें केयर की जरूरत है। इस अभियान के तहत पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने वर्ष 2023 में 856 बच्चों को बचाया है।

पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, ''ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते'' अभियान में वर्ष 2023 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने घर से भागे या लापता हुए 850 से अधिक बच्चों को बचाया है, इनमें से 508 लड़के और 279 लड़कियां हैं। इस प्रकार मुंबई मंडल में 313, वडोदरा मंडल में 74, अहमदाबाद मंडल में 125, रतलाम मंडल में 188, राजकोट मंडल में 121 और भावनगर मंडल में 35 बच्चों को बचाया गया। इसी तरह मानव तस्करी को रोकने के लिए पश्चिम रेलवे पर 77 एंटी ट्रैफिकिंग इकाइयां बनाई गई हैं। इसके अलावा सभी मंडलों में नियमित रूप से राज्य और केंद्र के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही हैं। ट्रेनों में बाल तस्करी की समस्या को खत्म करने के लिए रेलवे ने ''बचपन बचाओ'' आंदोलन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस संबंध में जनता को जागरूक करने और बाल तस्करी की रोकथाम के लिए ट्रेनों के डिब्बों में स्टिकर और पोस्टर लगाए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

   

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