बीजापुर : क्रॉस फायरिंग में हुई बच्ची की मौत पर ग्रामीणों ने किया प्रर्दशन, सौंपा ज्ञापन

प्रर्दशन

बीजापुर, 17 जनवरी (हि.स.)। जिले के मुतवेण्डी गांव में हुई मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग में एक दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई थी। छह माह की मंगली की मौत सहित अपनी 06 सूत्रीय मांगों को लेकर मूलवासी मंच के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण आज बुधवार को जिला मुख्यालय के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोककर ग्राम गोरना में प्रशासन के अधिकारी ने ज्ञापन लिया।

ग्रामीणों की मांग है कि पांच दिन के भीतर घटना की जांच पूरी की जाए। बगैर ग्राम सभा की इजाजत और ग्रामीणों की गैर मौजूदगी में मुतवेंडी में कैम्प नहीं लगाया जाए, घटना की जांच के लिए जनप्रतिनिधियों के अलावा ग्रामीणों की संयुक्त टीम गठित की जाए। इसके अलावा गंगालूर थाने में लिखित शिकायत पर अविलंब एफआईआर दर्ज करने के साथ ही कांवडगांव में स्थापित कैम्प को तत्काल हटाया जाए।

ग्रामीणों ने बताया कि रैली के लिए उन्होंने बकायदा प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। छह सूत्रीय मांग को लेकर गोरना गांव में जुटे सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगली की मां मासे और पिता बामन को साथ लेकर कलेक्टर से मिलकर आवेदन देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन की तरफ से इसकी इजाजत नहीं मिली। गोरना गांव को जोड़ने वाली सड़क पर बड़ी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान, राजस्व विभाग के अफसर-कर्मियों के साथ पुलिस के आला अधिकारी डटे हुए थे। जवानों की मुस्तैदी के अलावा सडक़ के दोनों छोर पर बांस से बैरिकेटिंग की गई थी।

बैरिकेटिंग और रैली पर मुख्यालय में प्रवेश पर पाबंदी को लेकर मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने पुरजोर विरोध किया। उनका कहना था कि चुनाव के वक्त इन्हीं ग्रामीणों को भीड़ की शक्ल में सभाओं में बुलाया जाता है, लेकिन चुनाव निपटते ही न्याय के लिए यही ग्रामीण जब अपने ही कलेक्टर से मिलना चाहते हैं, तब इन्हें बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मंगली की मौत किन परिस्थितियों में हुई, यह जांच का विषय है, लेकिन सरकार इससे बच रही है। ग्रामीणों को विश्वास में लिए बगैर सुरक्षा बलों के कैम्प खोले जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि एक जनवरी 2024 की देर शाम बीजापुर पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी थी कि गंगालूर थानाक्षेत्र के मुदवेंडी गांव में एरिया डॉमिनेशन के लिए सुरक्षाबल के जवान निकले हुए थे। इसी दौरान आईईडी विस्फोट के कारण दो जवान जख्मी हो गए थे। इसके बाद गांव में ही पुलिस और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर में क्रॉस फायरिंग में एक दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई थी, जबकि उसकी मां इस घटना में जख्मी हो गई थी।

नक्सलियों ने पुलिस के इन दावों का खण्डन करते हुए प्रेस नोट जारी कर पुलिस पर गांव में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग कर 06 माह की मंगली सोढ़ी की हत्या और उसकी मां को जख्मी करने का आरोप लगाया था। इस घटना में मृत बच्ची की मां मासे सोढ़ी के साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि घटना के वक्त गांव में नक्सल सदस्यों की मौजूदगी नहीं थी। पुलिस ने एकतरफा गोलीबारी कर रही थी, पुलिस के इसी गोलीबारी में दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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