भाजपा के लिए आरक्षित मिलर हाई स्कूल मैदान जदयू को आवंटित करने पर बिफरे सम्राट चौधरी

पटना, 21 जनवरी (हि.स.)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने 24 जनवरी को भाजपा के लिए आरक्षित मिलर हाई स्कूल मैदान को जदयू को आवंटित करने पर सरकार और जदयू को आड़े हाथों लेते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या और गुंडागर्दी करार दिया। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यदि भाजपा के लिए आरक्षित मिलर स्कूल मैदान नहीं मिला तो वीरचंद पटेल मार्ग पर पूरा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साथ ही जदयू और राजद कार्यालय के सामने कर्पूरी जयंती मनाई जाएगी ।

सम्राट चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जदयू द्वारा कहा जा रहा है कि 23 तारीख को यह मैदान आरक्षित कराया है, ठहरने के लिए, तो आज किस नियम के तहत यहां जदयू द्वारा पंडाल लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 18 साल राज करने के बाद अगर सरकार गुंडागर्दी पर उतर आए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। साथ ही कहा कि यह हमें मालूम है कि राजद के प्रभाव में आने के बाद ऐसा काम हो रहा है।

चौधरी ने कहा कि राजनीतिक तौर पर सबको कार्यक्रम करने का अधिकार है। 1977 में कर्पूरी ठाकुर के विरोधी कोई नेता थे तो उनका नाम नीतीश कुमार था। कर्पूरी ठाकुर को हाई जैक करने का काम लालू प्रसाद ने किया। उनकी विचारधारा को उन्होंने कभी नहीं बढ़ाया, बल्कि अपने को आगे बढ़ाने का काम किया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने स्कूल मैदान को आरक्षित करवाने का पेपर पत्रकारों को दिखाते हुए कहा कि जदयू कहती है कि दिसंबर में इस मैदान को आरक्षण करने का आवेदन दिया था लेकिन भाजपा ने एक नवंबर को आवेदन दिया था। इसके बाद एनओसी मिला और शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि मैदान खाली कर आरक्षित किया जाए।

उन्होंने कहा कि कल भी भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मिलकर मैदान खाली करवाने का आग्रह किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी तथा गुंडागर्दी नहीं चलने देगी। साथ ही कहा कि हमलोग आज फिर से आग्रह कर रहे हैं कि जदयू यह मैदान खाली करें। वे गुंडागर्दी नहीं कर सकते, लोकतंत्र की हत्या नहीं कर सकते।

पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि लगातार हमलोग आग्रह कर रहे। जिला प्रशासन से आग्रह किया। सीएम से आग्रह किया है। 24 जनवरी के लिए मजबूर नहीं किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर की कोई विचारधारा नीतीश कुमार से नहीं मिलती है। नीतीश कुमार 'एक मात्र' हैं, दूसरा कोई नहीं है। जदयू का कोई नीति, सिद्धांत नहीं है। राजद की तो बात ही नहीं करनी, वहां तो वर्षों से एक ही अध्यक्ष है।

हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द/चंद्र प्रकाश

   

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