जगदलपुर : मुख्यमंत्री साय ने ज्ञानगुड़ी व नवनिर्मित विज्ञान शाला का किया लोकार्पण

 लोकार्पणमुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी व नवनिर्मित विज्ञान शाला का किया लोकार्पण

जगदलपुर, 26 जनवरी(हि.स.)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शुक्रवार को बस्तर प्रवास पर जगदलपुर के धरमपुरा में 25 लाख रुपये लागत से निर्मित ज्ञानगुड़ी तथा 45 लाख रुपये से नवनिर्मित विज्ञान शाला का लोकार्पण करने के पश्चात ज्ञानगुड़ी के स्मार्ट क्लास रूम एवं विज्ञान शाला का अवलोकन किया। इस दौरान वे ज्ञानगुड़ी में अध्ययनरत बच्चों से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों को छेरछेरा पुन्नी और गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई देते हुए उन्हें पूरी लगन एवं मेहनत के साथ पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। शिक्षा केवल डिग्री लेकर नौकरी पाना नहीं है, बल्कि अच्छा समाजसेवक बनने, अच्छा व्यवसाय करने, अच्छी खेती-किसानी करने सभी क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए शिक्षा की अहम भूमिका है। ऐश्वर्या नायर के पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के लिए बहुत काम किया था, बस्तर संभाग में एजुकेशन हब बनाये, जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देखकर सराहना की। अब चौथी बार फिर से हमारी सरकार बनी है तो इस दिशा में और अच्छा प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने अंकिता ठाकुर के सुझाव पर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने के लिए विचार करने आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री ने कंचन यादव के छत्तीसगढ़ी में पूछे सवाल परीक्षा के भय को कम करने के बारे में कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो छात्र-छात्राओं से निरन्तर चर्चा कर उन्हें पढ़ाई और परीक्षा के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसी कड़ी में आगामी 29 जनवरी को फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छात्र-छात्राओं से रूबरू होकर परीक्षा पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने तनावमुक्त होकर बिना डर या भय के अपने लक्ष्य को पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करने बच्चों को प्रेरित किया।

मुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि अब तक लार्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति लागू थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नई शिक्षा नीति से शिक्षा में बहुत बदलाव आएगा। इससे बच्चों को डिजिटल शिक्षा सहित व्यवहारिक और व्यवसायिक शिक्षा मिलेगी और बच्चे भविष्य में स्व-रोजगार एवं उद्यम की ओर अग्रसर होंगे। वहीं नई शिक्षा नीति में खेलकूद सहित योग और शारीरिक शिक्षा की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस नवीन शिक्षा नीति से बच्चों के पालकों पर दबाव कम होगा।

हिन्दुस्थान समाचार, राकेश पांडे

   

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