हरीश रावत विस्थापितों के भूमिधरी अधिकार की मांग को लेकर रखेंगे मौन उपवास

देहरादून, 29 जनवरी (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र हरिद्वार के पथरी के विस्थापितों को भूमिधरी अधिकार देने के लिए 01 फरवरी को मौन उपवास पर बैठेंगे।

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्र की प्रगति और भारत रूस मैत्री का जीवांत स्तंभ टिहरी डैम उत्तराखंड का अभिमान है। जहां-जहां ये विस्थापित भाई-बहन बसे, आज भी कई कठिनाइयों को झेल रहे हैं और इनसे किए गए कई वादे भी अभी पूरे नहीं हुए हैं। इन विस्थापितों में सबसे चिंताजनक स्थिति हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के भाग 1, 2, 3, 4, में बसे भाई-बहनों को है। 42 वर्षों बाद भी यह लोग जिस भूमि में बसे हैं उसका भूमिधर का अधिकार इन्हें प्राप्त नहीं है।

यह लोग जोते जा रहे खेतों व अपने घरों के मालिक नहीं हैं। इन्हें बैंकों सहित कोई भी ऋण सुविधा भूमि के आधार पर लेने का अधिकार नहीं है। स्वामी होते हुए भी स्वामित्व से वंचित हैं। इन्हें सामान्य ग्राम वासी को प्राप्त कोई हक हकूक उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार ने मालिकाना हक देने के निर्देश जारी किए और पत्रावली तैयार करवाई गई। सत्ता परिवर्तन के साथ यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई। गैरसैंण में हुए विधानसभा सत्र में स्थानीय विधायक की ओर से इस मामले को विधानसभा संचालन नियमावली के नियम 58 के अंतर्गत उठाये जाने पर सरकार ने इस मामले में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। तद्पश्चात हरिद्वार जनपद के विधायकों की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री ने इस हेतु आवश्यक पत्रावली तैयार करने के आदेश दिए। जिस पर 8 माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

इस दौरान वन विभाग द्वारा करवाए गए एक तथाकथित सर्वेक्षण में टिहरी विस्थापितों के पास आवंटित 912 एकड़ भूमि के बजाए 968 एकड़ भूमि पर कब्जेदार बताए जाने के बाद सारे मामले को उलझाया जा रहा है। 23 हैक्टेयर भूमि को लेकर सारी भूमिधरी प्रक्रिया को उलझाने के प्रयास किये जा रहा हैं जो निंदनीय है, पूर्णतः अस्वीकार्य है। इस सारी भूमि पर वर्ष 2015-16 में घेरवाड़, दीवाल बंदी हो चुकी है।

मुख्यमंत्री पथरी के विस्थापितों को भूमि धरी अधिकार देने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर इस प्रकरण का सकारात्मक निस्तारण करने की मांग की है। वन विभाग द्वारा करवाए जा रहे सर्वेक्षण व उसके निष्कर्षों को वापस लेने और विस्थापितों से किए गए वादों के पुनर्विक्षण के लिए मंत्री के साथ टीएचडीसी व पुनर्वास निदेशक की एक संयुक्त कमेटी गठित करने की मांग की है।

हरीश रावत 01 फरवरी दोपहर 12 बजे गांधी पार्क देहरादून में 1 घंटे क मौन व्रत रखेंगे और संबंधितों के साथ धरने पर बैठेंगे।

इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री महाबीर रावत,पूरन सिंह रावत बीरेन्द्र पवार, पूर्व जिलाध्यक्ष टिहरी शान्ति भट्ट,सुरेंद्र अग्रवाल उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/रामानुज

   

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