व्यास जी के तहखाने के मामले में न्यायालय में बहस पूरी,बुधवार को होगा फैसला

अदालत निर्णय देगा कि तहखाने में पूजा पाठ होगा कि नहीं

वाराणसी,30 जनवरी (हि.स.)। ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना में पूजा पाठ संबंधी याचिका पर मंगलवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। बुधवार को अदालत फैसला सुना सकती है।

वादी शैलेन्द्र पाठक के याचिका पर उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व दीपक सिंह ने बहस किया। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं के एक आवेदन को अदालत ने स्वीकार कर लिया, जिसमें व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिए जाने का अनुरोध किया गया था। वादी पक्ष ने याचिका में कहा है कि ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग नंदी जी के सामने की गई है उसे खोल दिया जाए और व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के लिए आने जाने दिया जाए। इस पर आदेश किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस पर प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। यहां पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश के लिए बुधवार की तिथि नियत की है।

गौरतलब है कि वादी शैलेन्द्र पाठक के परिजन वर्ष 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करते थे। 1993 के बाद तत्कालीन सपा सरकार के आदेश पर ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ बंद हो गई। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई के दौरान मंदिर पक्ष के वकीलों ने अदालत को जानकारी दी थी कि 1993 तक भूखंड आराजी संख्या 9130 (ज्ञानवापी) में मौजूद देवी-देवताओं का नियमित पूजा-पाठ होता था। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ध्वंस के बाद 1993 में यहां पहले बांस-बल्ली और उसके बाद लोहे की ऊंची बैरिकेडिंग करा दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम

   

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