2001 से 14 तक लिया गया ऋण प्रायः लौटा चुकी है सरकार: अजंता

गुवाहाटी, 06 फरवरी (हि.स.)। राज्य के वित्त आदि मामलों की मंत्री अजंता नेओग ने कहा है कि उनकी सरकार ने वर्ष 2001 से लेकर 2014 तक असम सरकार द्वारा लिए गए ऋण का अधिकांश हिस्सा लौटा चुकी है। शेष राशि सरकार शीघ्र चुकाने जा रही है। वित्त मंत्री अजंता नेओग आज असम विधानसभा के बजटकालीन अधिवेशन के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान विधायक अखिल गोगोई के वित्त विभाग संबंधी प्रश्नों का सदन में उत्तर दे रही थीं। उन्होंने कहा कि असम सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया जाना चाहिए।

एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि असम सरकार ने अब तक जितना ऋण लिया है वह सभी एएफआरबीएम एक्ट के अनुकूल है। एक्ट के अनुसार असम सरकार अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी ऋण ले सकती है। वहीं, एक्ट के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद और लिए गए ऋण की राशि का अनुपात 32 फ़ीसदी तक हो सकता है। जबकि, असम सरकार द्वारा इस अनुपात को 23.47 फ़ीसदी पर रखा गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में इस मामले में असम 27वें स्थान पर है। असम सरकार चाहे तो और ज्यादा ऋण ले सकती है।

मंत्री अजंता ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के अनुसार वित्तीय संस्थान नाबार्ड के तहत आरआईडीएफ, डब्ल्यूआईएफ, एलटीआईएफ से असम सरकार द्वारा लिया गया है। इसके अलावा असम सरकार ने केंद्रीय बजट में निर्धारित राशि के अनुसार केंद्रीय ऋण के रूप में ब्लॉक लोन (ईएपी) लिया है, जिसमें 90 फ़ीसदी केंद्रीय अनुदान तथा 10 फ़ीसदी लोन शामिल है। इसके अलावा असम सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष सहायता ऋण लिया है, जिसपर 50 वर्ष तक ब्याज नहीं देना पड़ेगा। इनके अलावा असम सरकार ने भविष्य निधि के नियम के अनुसार राज्यिक भविष्य निधि से लिया है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने बताया कि असम का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2015-16 में 2,27,959 करोड़ रुपए था, जबकि 2022-23 में राज्य का सकल घरेलू उत्पादन बढ़कर 4,93,167 करोड़ रुपए हो गया। यही वजह है कि राज्य सरकार को और अधिक ऋण लेने की सुविधा मिल गई।

वित्त मंत्री अजंता ने बताया कि 2016-17 में असम सरकार ने 5,649.45 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। जबकि, 2017-18 में 10,476.02 करोड़ रुपए, 2018-19 में 14,003.88 करोड़ रुपए, 2019-20 में 16,634.53 करोड़ रुपए, 2020-21 में 19,256.59 करोड़ रुपए, जबकि 2021-22 में 17,148.41 करोड रुपए एवं 2022-23 में 25,902.16 करोड़ रुपए का ऋण प्राप्त किया।

मंत्री अजंता ने बताया कि 31 मार्च 2016 तक असम सरकार के ऊपर कुल 35,690.22 करोड़ रुपए का ऋण था ,जिसमें से 2022-23 तक असम सरकार 22,790 करोड़ रुपए चुका चुकी है। शेष ऋण की राशि को भी समय पर चुका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम सरकार को 50 वर्षों के बगैर ब्याज का लोन पहले की तुलना में काफी अधिक मिला है। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज का 100 रुपया 50 वर्ष बाद कितना होकर बचेगा।

मंत्री ने बताया कि 31 मार्च 2021 तक असम सरकार के ऊपर 82,741.07 करोड रुपए का ऋण था, जबकि 31 मार्च 2023 तक असम सरकार के ऊपर 1,15,751.32 करोड़ रुपए का ऋण हो गया। वित्त मंत्री ने बताया कि असम सरकार ऋण के शर्तों के अनुसार समय पर ऋण चुका रही है। सरकार द्वारा समय पर सारा ऋण चुका दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने सदन में वित्त विभाग से संबंधित कई पूरक प्रश्नों के भी उत्तर दिए।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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