फसलों व पशुओं की बीमारियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी एआई तकनीक : प्रो. एसएस बेदी

एफडीपी में बोलते मुख्य वक्ता

मेरठ, 07 फरवरी (हि.स.)। रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. एसएस बेदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक द्वारा फसलों तथा पशुओं की बीमारी के लक्षणों के आधार पर डिजीज डायग्नोसिस को आसान और सटीक बनाया जा सकेगा। इस क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम राम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में कम्प्यूटर साइंस व एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन मोड में ’द रिसेंट ट्रेंड्स ऑफ बिग डाटा एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन द फील्ड ऑफ़ कम्प्यूटर साइंस एंड एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विषय पर छह दिवसीय एफडीपी चल रही है।

इसके तीसरे दिन बुधवार को पहले सत्र में मुख्य वक्ता केएलई टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय बेंगलुरु के कम्प्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग के प्रो. श्रीधर अय्यर ने एआई में वायरलेस कम्युनिकेशन तकनीक के महत्व को कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों के लिए वरदान बताया। दूसरे सत्र के वक्ता रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. एसएस बेदी ने एआई तकनीक पर प्रकाश डाला। एफडीपी के संयोजक इंजीनियर मिलिंद ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम आयोजक मंडल तथा टेक्निकल टीम के सदस्य स्वाति अग्रवाल, जेआर बेंथम, अमित शर्मा, रूपल चौधरी, गौरव त्यागी, कवि भूषण, विजय कुमार, रितु शर्मा, हरी गोस्वामी, धर्मेन्द्र इत्यादि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/विद्याकांत

   

सम्बंधित खबर