असम में पूंजीगत व्यय में 450 फीसदी की वृद्धि: मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 08 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने आज सोशल मीडिया के जरिए बताया कि राज्य के पूंजीगत व्यय में पिछले दशक में 450 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने इसे पूर्वोत्तर राज्य के लिए त्वरित विकास और विस्तारित अर्थव्यवस्था का प्रतिबिम्ब बताया है।

मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने राज्य की उल्लेखनीय वित्तीय उन्नति का हवाला देते हुए कहा कि असम की अर्थव्यवस्था लचीलेपन, पुनरुत्थान और मजबूती के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय में वृद्धि, आंतरिक राजस्व के उपयुक्त समन्वय, संवर्धित केंद्रीय समर्थन और संतुलित ऋण ने असम को तेजी से आर्थिक विकास के सोपान पर पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि इस आर्थिक उछाल में सबसे आगे विकास के लिए असम द्वारा उठाया गया साहसिक कदम है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6.39 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का सूचक है। 14.7 प्रतिशत की उल्लेखनीय जीएसडीपी वृद्धि दर के साथ राज्य इस क्षेत्र में एक मजबूत विकास केंद्र के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने बढ़े हुए पूंजीगत व्यय के ठोस प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए 2014-15 में 4,543 करोड़ रुपये से 2022-23 में 16,338 करोड़ रुपये तक तेजी से वृद्धि का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त निवेश पूरे असम में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ाने के उद्देश्य से कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को चला रहा है।

उन्होंने महत्वाकांक्षी विस्तार के बावजूद आश्वस्त किया कि असम ने राजकोषीय समन्वय बनाए रखा है। 2022-23 तक ऋण-जीएसडीपी अनुपात 23.47 प्रतिशत है, जो राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत अनिवार्य 32 प्रतिशत की वैधानिक सीमा से काफी नीचे है। यह अनुकूल ऋण प्रोफ़ाइल असम को अपनी विकासात्मक पहलों को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की स्थिति में रखती है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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