हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है : प्रो. संगीता शुक्ला

अटल सभागार में आयोजित श्रीराम कथाअटल सभागार में आयोजित श्रीराम कथाअटल सभागार में आयोजित श्रीराम कथाअटल सभागार में आयोजित श्रीराम कथा

मेरठ, 09 फरवरी (हि.स.)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि वह व्यक्ति जिसने कभी अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया। रामजी भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं।

विश्वविद्यालय की साहित्यिक सांस्कृति परिषद द्वारा शुक्रवार को कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के निर्देशन में श्रीराम अंतरिक्ष वेधशाला उत्सव मनाया गया। इस दौरान कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि प्रभु श्रीराम के कई ऐसे गुण हैं जो हर बच्चे को अपने जीवन में अपनाने चाहिए। भगवान श्रीराम ने अपने माता-पिता के फैसले को हमेशा सबसे ऊपर रखा और कभी भी उनके फैसलों पर सवाल नहीं किया। ऐसे में बच्चों को भी यह सीख लेनी चाहिए कि अपने माता-पिता के फैसलों का सम्मान करें। क्योंकि मां-बाप हमेशा बच्चों के लिए अच्छा ही सोचते हैं। बच्चों को बड़ों का सम्मान करना चाहिए। अटल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि श्रीराम के दोस्त उनके भाई लक्ष्मण और उनके भक्त हनुमान थे। ऐसे में श्रीराम दोनों को ही बहुत महत्व देते थे। बच्चों को भगवान श्रीराम से सीखना चाहिए कि कैसे सच्चे दोस्त बनाएं और हमेशा उनके साथ रहें।

कार्यक्रम में मदन मोहन मालवीय विद्यालय के छात्र भगवान श्रीराम, लक्ष्मीण सीता मां और भगवान हनुमान जी वेशभूषा में सबका मन मोह रहे थे। इस दौरान विद्यालय की छात्र व छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर खूब तालियां बटोरी। इस दौरान पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, चीफ प्रॉक्टर प्रो. बीरपाल सिंह, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की समन्वयक प्रो. नीलू जैन, प्रो. अनिल मलिक, डॉ. धर्मेंद्र, प्रो. अनुज कुमार, इंजीनियर मनीष मिश्रा, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र गुप्ता, विद्यालय की प्रधानाचार्य समीक्षा भाटी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम

   

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