भारत ज्ञान समागम, शिक्षा के नये आयाम पर हुआ मंथन

हरिद्वार, 10 फ़रवरी (हि.स.)। कोर यूनिवर्सिटी रुड़की में भारत ज्ञान समागम का आयोजन हुआ। यह समागम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें देश भर के 22 राज्यों के 50 से अधिक कुलपतियों और 500 से अधिक विद्यालयों के प्राचार्यों ने भाग लिया।

समागम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह व मुख्य अतिथि शिव खेड़ा थे। कार्यक्रम में शिक्षा के नये आयामों पर मंथन हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने नई शिक्षा नीति में मल्टीडिसिप्लिनरी रेगुलेशन, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और एंटरप्रेन्योरशिप को शिक्षा में शामिल करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। समागम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और एक्सेमप्लेरी अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ. गेसू ठाकुर और डॉ. मनीष कुमार माथुर ने बताया कि इस समागम का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विचारों का आदान-प्रदान करना और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई रणनीतियां विकसित करना था। बहुप्रतीक्षित शिक्षा शिखर सम्मेलन भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। मुख्य अतिथि ने प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें शिक्षा में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

पैनल चर्चाओं के दौरान उच्च शिक्षा में नवाचार और उद्यमिता पर विचार-विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने भविष्य के नौकरी रचनाकारों को तैयार करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उद्योग जगत की हस्तियों ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए दृष्टिकोण पर चर्चा की और भविष्य के करियर के लिए आवश्यक कौशल पर प्रकाश डाला। शिक्षा में प्रौद्योगिकी के सभी तरह के प्रभावों पर विचार मंथन हुआ। चर्चाएं एआई, आभासी वास्तविकता और अन्य इनोवेशन के प्रभावी उपयोग पर केंद्रित थीं। पैनल चर्चा के दौरान कौशल विकास रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया।

विशेषज्ञों ने बदलते कार्यबल की जरूरतों के साथ विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम को संरेखित करने पर विचार-विमर्श किया। समागम में भारतीय शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण और समावेशिता पर चर्चा हुई। पैनल चर्चा में शिक्षा में कमियों को पाटने और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस चर्चा में सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए परिवर्तनकारी शिक्षा पर चर्चा हुई। उद्योग सत्र में प्रायोजकों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। भारत को 2047 की ओर आगे बढ़ाने में शिक्षा की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ। पाठ्यक्रम में बदलाव, अनुसंधान फोकस और सहयोगात्मक भागीदारी पर ध्यान दिया गया।

कोर यूनिवर्सिटी के चांसलर जेसी जैन ने कहाकि सम्मेलन का उद्देश्य विचारों को साझा करना और शिक्षा के लिए बेहतर तरीके तैयार करना था। विशेषज्ञों ने नई शिक्षा योजना में विभिन्न क्षेत्रों के संयोजन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय शुरू करने जैसे नए पहलुओं के बारे में बात की।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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