कांकेर : वन विभाग के रेंजर एसोसिएशन व लिपिक संघ का विवाद पहुंचा सीसीएफ तक

कांकेर, 17 फरवरी (हि.स.)। जिले के वन मंडल में बाबू और रेंजर के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते काम ठप्प पड़ गए है। पिछले 10 दिनों से कांकेर वन मंडल के चार रेंजों के रेंजर मेडिकल लगाकर छुट्टी लेकर बैठ गए हैं।

लिपिक पर कार्रवाई नहीं होने पर सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए तीन दिन की चेतावनी दिया है। रेंजर एसोसिएशन के बाद अब वन विभाग के लिपिक कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोलते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल पर जाने की बात कहते हुए सीसीएफ को ज्ञापन सौंपा है। लिपिक संघ ने बाबू के खिलाफ कार्रवाई होने पर हड़ताल पर जाने की बात कही है। वहीं छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने रेंजरों का समर्थन किया है।

रेंजर संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि कांकेर वन मंडल के लेखा प्रभारी बिरेंद्र नाग के द्वारा कांकेर वन मंडल के रेंजरों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, रेंजरो के वाउचर चेक बिना कारण आपत्ति लगाकर वापस भेज दिए जाते है, जिससे रेंजर काम नही कर पा रहे है,यही नहीं लेखा प्रभारी के द्वारा डीएफओ आलोक बाजपेयी को गलत जानकारी देकर गुमराह भी किया जा रहा है।

वन लिपिक कर्मचारी संघ के निखिल मसीह ने बताया कि ये वर्चस्व की लड़ाई नहीं है। हम लोग वन विभाग के हित में काम करने वाले लोग है। हम टेबल में बैठकर काम करते लेकिन कुछ लोग ऐसा कृत्य और षड्यंत्र रच रहे हैं। इसलिए हम यहां उपस्थित हुए है और सीसीएफ को विस्तार से जानकारी दी। चेक बाउचर निरस्त करने के आरोप पर कहा कि ये हमारा ड्यूटी और हमारा कर्तव्य है। सही गलत क्या चीज है, उसकी जांच किया जाए, ताकि भविष्य में जो ऑडिट आपत्ति कोई जांच का विषय न बन सके। कभी-कभी बाउचरों में त्रुटियां रह जाती है, तो हम उसको वापस करते है।

प्रांतीय सचिव तरुण देवघर ने बताया कि हमारी मांग पर सीसीएफ ने एक सप्ताह का समय मांगा है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि निष्पक्ष जांच होगी। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। अगर रेंजर एसोसिएशन आंदोलन करती है, तो हमें भी आंदोलन का रुख अपनाना पड़ेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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