राज्य सरकार ने की गुजरात खरीद नीति 2024 की घोषणा

-वोकल फॉर लोकल तथा मेक इन इंडिया को गति मिलेगी

-एमएसई इकाइयों व स्टार्टअप्स को विशेष प्राथमिकता

गांधीनगर, 16 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया पहल को गतिमान बनाने के लिए गुजरात सरकार ने ‘गुजरात खरीद नीति 2024’ घोषित की है। राज्य के सभी सरकारी विभागों, विभागीय प्रमुखों (एचओडीस), जिला कार्यालयों, प्रशासनों, अनुदानित संस्थानों, बोर्ड-निगम-सोसाइटियों द्वारा वस्तु एवं सेवाओं के प्रोक्योरमेंट को इस नीति के अंतर्गत लाया जाएगा।

राज्य में गुजरात राज्य खरीद नीति 2016 लागू है। इसकी सफलता के बाद नई नीति राज्य की सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों से प्रोक्योरमेंट को प्रोत्साहन प्रदान करने में अधिक उपयुक्त सिद्ध होगी। नई खरीद नीति सूक्ष्म, कुटीर उद्योगों, नए उद्यमियों विशेषकर एससी-एसटी तथा महिला उद्यमियों के स्वामित्व की खरीदारी को प्रोत्साहित करेगी और अन्य आपूर्तिकर्ताओं (सप्लायर्स) की तुलना में गुजरात स्थित एसएमईस से भी उच्च प्रोक्योरमेंट को समर्थन देगी। नई प्रोक्योरमेंट पॉलिसी गुजरात के स्टार्टअप में भी प्रोक्योरमेंट को समर्थन देगी। नई नीति में स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लाभों को प्रोत्साहन दिया गया है तथा योग्यता प्राप्त आपूर्तिकर्ताओं को निविदा शुल्क एवं अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (बयाना राशि-ईएमडी) से मुक्ति दी जाएगी।

बिना निविदा 15 लाख रुपए तक की खरीदारी

इस नीति के तहत बिना निविदा खरीदारी के लिए राज्य सरकार ने अलग-अलग मूल्य सीमाएँ निर्धारित की हैं। इस सीमा के अंतर्गत सरकारी संस्थानों से बिना निविदा 15 लाख रुपए तक की खरीदारी, सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों या सार्वनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) से बिना निविदा 15 लाख रुपए तक की खरीदारी, सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थानों से बिना निविदा 5 लाख रुपए की खरीदारी और स्टार्टअप से बिना निविदा 15 लाख रुपए तक की खरीदारी की जा सकेगी।

स्टार्टअप को प्रोत्साहन

इसके अतिरिक्त स्टार्टअप को न्यूनतम पूर्व अनुभव एवं न्यूनतम टर्नओवर आवश्यकताओं के मानदंड से मुक्ति दी गई है। नई खरीद नीति 2024 भारत एवं गुजरात में उच्च मूल्यवर्धन के साथ आपूर्तिकर्ताओं से वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रोक्योरमेंट को प्राथमिकता देती है। नीति अंतर्गत लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक प्रोक्योरमेंट मूल्य वाली वस्तुओं के मामले में ही ग्लोबल टेंडर इनक्वाइरी जारी की जाएगी। इसके अलावा 1 लाख रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं व सेवाओं का तमाम प्रोक्योरमेंट जीईएम (जेम) पोर्टल प्राप्त प्राप्ति सहित केवल ई-टेंडर द्वारा किया जाएगा।

बीआईएस स्पष्टीकरण की उपलब्धता वाली वस्तुओं के प्रोक्योरमेंट के लिए इस नई नीति में बीआईएस प्रोडक्ट स्पेसिफिकेशन को अपनाना अनिवार्य किया गया है। नई प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के माध्यम से राज्य सरकार गवर्नमेंट-ई-मार्केटप्लेस (जीईएम-जेम) पोर्टल द्वारा सभी वस्तुओं व सेवाओं की खरीदारी को प्रोत्साहन देती है। विभिन्न संस्थानों, उत्पाद इकाइयों, विभिन्न संगठनों, बोर्ड-निगमों, सरकारी विभागों-विभागीय प्रमुखों (एचओडीस) की ओर से परचेज पॉलिसी में कुछ फेरबदल के सुझाव प्राप्त हुए थे। इस कारण गुजरात सरकार ने अपनी परचेज पॉलिसी 2016 में मेक इन इंडिया पहल पर अधिक ध्यान केन्द्रित करते हुए हितधारकों के सभी सम्बद्ध सुझावों को संबोधित करने का निर्णय किया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में 1.47 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं व सेवाओं की खरीदारी की थी।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव

   

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