मतदाता फोटो पहचान पत्र न होने पर दे सकते हैं वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज

लखनऊ, 21 मार्च (हि.स.)। ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया इस सम्बन्ध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जा चुके है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एपिक में प्रविष्टियों की मामूली विसंगतियों को नजर अंदाज कर देना चाहिये, बशर्ते मतदाता की पहचान एपिक द्वारा सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किये जायेंगे, बशर्ते निर्वाचक का नाम, जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदेय स्थल से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध होना चाहिए। फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना सम्भव न हो, तब मतदाता को 12 वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त किसी भी बात के होते हुये भी प्रवासी निर्वाचक, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केन्द्र में उनके केवल मूल पासपोर्ट (तथा किसी अन्य पहचान दस्तावेज के आधार पर नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा हेतु मतदाता सूचना पर्ची बी0एल0ओ0 के माध्यम से मतदान तिथि से कम से कम 05 दिन पूर्व वितरित करने के निर्देश दिये गये हैं। मतदाता सूचना पर्ची पर मतदेय स्थल, मतदान का दिनांक व समय आदि का उल्लेख रहता है। मतदाता सूचना पर्ची को मतदाता के पहचान दस्तावेज के रूप में नहीं माना जायेगा। मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए मतदाता सूचना पर्ची के साथ वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई 01 साथ लाना अनिवार्य होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/बृजनंदन

   

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