जबलपुर : मानहानि मामले में शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य को हाइकोर्ट से राहत नहीं

जबलपुर, 22 मार्च (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित खुजराहो के सांसद प्रत्याशी वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह की ओर से लगाई गई धारा 482 की याचिका की सुनवाई में हाइकोर्ट ने उपस्थिति में राहत देने से भी इंकार करते हुए, सक्षम एमपी एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से आवेदन देने को कहा है।

बता दें कि ओबीसी आरक्षण से संबंधित बयान पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के द्वारा लगाए गए 10 करोड़ के मानहानि दावे की सुनवाई में हाज़िर होने से बचने के लिए याचिका लगाईं थी। उल्लेखनीय है कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस दौरान विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी। उस वक्त बीजेपी नेताओं ने विवेक तन्खा को ओबीसी विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ बयानबाजी की थी। सोशल मीडिया के साथ ही न्यूज चैनलों में भी बयानबाजी की गई थी और इसके बाद विवेक तन्खा ने भी अपनी सफाई देते हुए बयान जारी किया था और मानहानि करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और तत्कालीन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही थी लेकिन तीनों नेताओं ने माफी नहीं मांगी। जिसके बाद विवेक तन्खा कोर्ट में उनके खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि केस दायर किया था। भाजपा नेताओं ने मानहानि प्रकरण में धारा 482 के तहत याचिका दायर की थी। जिसमें लोकसभा चुनाव की व्यस्तता बताते हुए अंतरिम राहत दिए जाने की हाईकोर्ट से प्रार्थना की थी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अंतरिम राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति से छूट के लिए संबंधित न्यायालय के समक्ष आवेदन करें। जिस पर संबंधित न्यायालय विचार करेगी। अनावेदक के अधिवक्ता को याचिका की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करते हुए एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित की है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विलोक पाठक/नेहा

   

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