परिवारमोह में सामाजिक न्याय की परिभाषा भूल चुका है लालू परिवार: उमेश सिंह कुशवाहा

पटना, 6 अप्रैल (हि.स.)। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि राजद के सारण लोकसभा से रोहिणी आचार्य और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से डाॅ मीसा भारती को उम्मीदवार बनाने के बाद पुनः यह स्पष्ट हो चुका है कि लालू प्रसाद यादव की प्राथमिकता सिर्फ अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों तक सीमित है, वे कार्यकर्ताओं के खून-पसीने से सींची गई राजनीतिक पार्टी का इस्तेमाल अपने परिवार को आगे बढ़ाने में कर रहें है। इस तरह की राजनीतिक परंपरा लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करती है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लालू प्रसाद यादव खुद को समाजवाद का स्वघोषित झण्डाबरदार मानते हैं मगर उनके राजनीति का तौर-तरीका दूर-दूर तक समाजवाद की मूल भावना से मेल नहीं खाता है। हर चुनाव में लालू परिवार के एक नए सदस्य का राजनीति में पर्दापण होता है, कार्यकर्ताओं के प्रति लालू परिवार के मन में रत्ती भर भी सम्मान का भाव नहीं है। राजद के समर्पित कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओ को दरकिनार कर अनुभवहीन लोगों को राजनीति में आगे किया जा रहा है।

उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि लालू परिवार अपने परिवारमोह में सामाजिक न्याय की परिभाषा को भूल चुका है।

राजद द्वारा अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए शोषित, वंचित और पिछड़ो के हक की बात चुनावी भाषणों से कही जाती है मगर जब राजनीतिक भागीदारी और प्रतिनिधित्व देने की बात आती है तो लालू परिवार के सदस्य कतार में सबसे आगे खड़े मिलते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि राजद के कार्यकर्ता खुद को अपमानित और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, बहुत जल्द राजद का बंटाधार होने वाला है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंदा

   

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