लेक्चर सीरिज में बताया, बायो-इंजीनियरिंग से लेकर हर्बल उपचार तक का सफर

ऑनलाइन लेक्चर सीरिज में बोलते वक्ता

मेरठ, 07 अप्रैल (हि.स.)। शोभित विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एंड साइंसेज द्वारा आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन लेक्चर सीरीज का रविवार को समापन किया गया। इस लेक्चर सीरिज में बायो-इंजीनियरिंग से लेकर हर्बल उपचार तक का सफर बताया गया।

इस पांच दिवसीय ऑनलाइन लेक्चर सीरिज में विभिन्न देशों के प्रोफेसर ने अपने लेक्चर प्रस्तुत किए। प्रथम दिन टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी की डॉ. गुंजन गोयल ने व्याख्यान में एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट परख (एलिसा) से शुरू होने वाली विभिन्न तकनीकों पर प्रकाश डाला गया, जो एक प्रतिरक्षाविज्ञानी परख है जिसका व्यापक रूप से बुनियादी विज्ञान अनुसंधान, नैदानिक अनुप्रयोग अध्ययन और निदान में उपयोग किया जाता है।

द्वितीय दिवस डॉ. शालिनी ने बायो इंटरप्रेनरशिप के स्कोप के बारे में विद्यार्थियों को बताया। तृतीय दिवस स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ बोरा की डॉ. स्वर्णिमा ने व्याख्यान में पारंपरिक से आधुनिक दृष्टिकोण तक टिकाऊ समाज के लिए जैव प्रौद्योगिकी पर प्रकाश डाला। बायोरिफाइनरी और जैव ईंधन की अवधारणा पर भी चर्चा की गई।

डॉ. सताज ने मधुमेह प्रबंधन के लिए मेथी, दालचीनी, एलोवेरा, पवित्र तुलसी, आंवला, अदरक और कई अन्य हर्बल उपचारों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इनमें ऐसे यौगिक होते हैं जो इंसुलिन की नकल करते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, आंत के स्वास्थ्य और कल्याण में मदद करते हैं। हर्बल उपचारों का उपयोग स्वस्थ आहार के साथ किया जाना चाहिए। नियमित व्यायाम व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। ओमिकॉम मीडिया ग्रुप के लक्ष्मण रावत ने एंटरप्रेन्योरशिप इन द डिजिटल एज पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जयानंद ने कहा कि ऐसे व्याख्यान विद्यार्थियों को लाभान्वित करते है एवं शोध करने के लिए प्रेरित करते है। विभाग की डीन डॉ. दिव्या प्रकाश ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ. नेहा बिष्ट ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/राजेश

   

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