मुरैना: भागवत कथा श्रवण करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं

मुरैना, 07 अप्रैल(हि.स.)। शहर की मिश्र वाटिका में बीते सात दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को अंतिम दिन भागवताचार्य अयोध्या दास जी महाराज ने श्रीमद् भागवत सार का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद भागवत कथा श्रवण करने मात्र से मनुष्य के सारे संकट व दु:ख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा कहा कि राजा परीक्षित के कारण इस धरती पर मनुष्यों को भागवत कथा सुनने का अवसर मिल सका है। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं हमें प्रसाद प्राप्त करने का अवसर मिलता है तो हमे मानना चाहिए की हमें प्रभु के साक्षात दर्शन प्राप्त हुए हैं।

नगर की धार्मिक संस्था राम हर्षण मंडल द्वारा सात दिन पूर्व कलश यात्रा के साथ शुरू हुईं श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को कथा व्यास पीठाधीश्वर आचार्य अयोध्या दास जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा सार के बारे में वृतांत करते हुए कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है।

श्रीमद भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण को सभी देवों व स्वयं भगवान के रूप में दर्शाया गया है। भागवत कथा में रस भाव की भक्ति को भी बताया गया है। इसमें भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं का वर्णन किया गया है। जिसके सार को सुनकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत कथा का श्रवण करके ही राजा परीक्षित को मुक्ति की प्राप्ति हुई थी।

भागवताचार्य ने भागवत आरती के महत्व को समझाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत आरती को नियमित रूप से करने से हमारा मन शान्त रहता है और इस आरती के साथ साथ भागवत स्तुति का पाठ किया जाये तो हमारे अंदर के सारे नकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगते हैं। इससे पूर्व सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन भी आकषर्क झांकियों के साथ किया गया। इस दौरान पंडाल में मौजूद श्रद्धालु खड़े होकर झूमते हुए नाचने लगे ।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश

   

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