चित्रकूट में सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में लगाई डुबकी, की कामदगिरि की परिक्रमा

-डीएम अभिषेक आनंद व एसपी अरुण कुमार सिंह ने किये मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

चित्रकूट, 08 अप्रैल (हि.स.)। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में चैत्र मास की सोमवती अमावस्या पर देशभर के लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने रामघाट पहुंचकर मां मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाई और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कामतानाथ भगवान के जयकारे लगाते हुए कामदगिरि पर्वत की पंचकोसी परिक्रमा की। वहीं यूपी-एमपी प्रशासन द्वारा मेला परिक्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए रहे।

चैत्र मास की सोमवती अमावस्या पर उप्र, मप्र समेत देशभर से लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने माता सती अनुसुइया के तपोबल से निकली जीवनदायिनी मंदाकिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और उसके बाद रामघाट में भगवान ब्रह्मा द्वारा स्थापित सृष्टि के प्रथम शिवलिंग स्वामी मत्यगेंद्रनाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्रीकामतानाथ के दर्शन-पूजन के बाद कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई।

कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज,भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज,कामतानाथ प्राचीन मुखार बिंद के प्रधान पुजारी भरत शरण दास महाराज ने चित्रकूट तीर्थ की महिमा का बखान करते हुए बताया कि चित्रकूट विश्व का प्राचीनतम तीर्थ है। इसी पावन धाम में प्रभु श्री राम ने वनवास काल का सर्वाधिक साढ़े 11 वर्षों का समय व्यतीत किया था। प्रभु श्रीराम ने ही चित्रकूट गिरि को कामदगिरि होने का वरदान दिया था। इसके बाद से कामदगिरि पर्वत के दर्शन मात्र से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी।

उन्होंने बताया कि कामदगिरि पर्वत की महिमा का बखान स्वयं गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरित मानस में किया है। उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन की मंदाकिनी के रामघाट तट पर गोस्वामी तुलसीदास महाराज को कलयुग में प्रभु श्रीराम के दर्शन मिले थे। आज भी मान्यता है कि अमावस्या के दिन प्रभु श्रीराम लक्ष्मण और सीता के साथ मंदाकिनी में स्नान के लिए आते हैं। इसीलिए प्रतिवर्ष दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचकर मनोकामनाओं के पूरक भगवान श्रीकामतानाथ के दर्शन-पूजन और कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा कर जीवन धन्य करते हैं।

संतों ने बताया कि सोमवती अमावस्या में करीब दस लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में आस्था की डूबकी लगाने के बाद मनोकामना पूरन को कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई है। वहीं कई सतना,कानपुर,मुरैना आदि जिलों से आये कई समाजसेवियों ने कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया। वहीं अमावस्या मेले को लेकर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद एवं पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह द्वारा मंदाकिनी के रामघाट एवं कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में सुरक्षा एवं यात्री सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।

हिन्दुस्थान समाचार/रतन/राजेश

   

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