पूसीरे ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान ट्रैक नवीनीकरण के लक्ष्यों को किया पार

गुवाहाटी, 09 अप्रैल (हि.स.)। रेल पटरियों को उचित अवस्था में बनाए रखने और रेल यात्रियों एवं स्टेकधारकों को सुरक्षित परिवहन और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए, जारी सेफ्टी एक्शन प्लान एवं कार्यों के एक हिस्से के रूप में, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने कई ट्रैक नवीकरण कार्य किए थे। इन ट्रैक नवीकरण कार्यों ने बीते वित्तीय वर्ष के निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों को पार किया, जो इस जोन द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों को दर्शाता है।

पूसीरे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने आज बताया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, किये गये संरक्षा कार्य योजना के एक भाग के रूप में, 257.98 टीकेएम थ्रू रेल रिनुअल, 210.71 टीकेएम थ्रू स्लीपर रिनुअल एवं कंप्लीट ट्रैक रिनुअल कार्य के 264.16 सीटीआर यूनिट्स किया गया। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने ब्लास्टिंग वर्क्स में 5 लाख क्यूबिक मीटर लक्ष्य के मुकाबले 7.27 लाख क्यूबिक मीटर की प्रगति हासिल की। यह पिछले वर्ष की 6.34 लाख क्यूबिक मीटर की प्रगति को पीछे छोड़ते हुए अब तक की सर्वाधिक प्रगति है। इसके अलावा, 2022-23 की प्रगति के दौरान 35 की तुलना में 134 थिक वेब स्विचों को स्थापित किया गया।

सड़क सुरक्षा कार्यों के एक अंश के रूप में, सड़क और रेल दोनों उपयोगकर्ताओं की आवाजाही को सुलभ बनाने के लिए 19 मानव युक्त समपार फाटकों को हटाने के साथ-साथ 20 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और 48 रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान चालू किया गया।

इसके अलावा, मार्च 2024 तक 118.20 किलोमीटर लूप लाइनों पर अधिकतम गति सीमा 30 कि.मी. प्रति घंटे और 803.5 किलोमीटर की सेक्शनल स्पीड को 110 कि.मी. प्रति घंटे तक बढ़ाया गया। सेक्शनल स्पीड ने 42% की प्रगति दर्ज की। इसके अलावा, मानसून के मौसम में बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए 9 अतिरिक्त जलमार्गों का निर्माण किया गया है। रेलवे पुलों की निगरानी के लिए संरचनात्मक अवस्था की निगरानी, नदी तल की 3डी स्कैनिंग, आरओआरवी (रिमोट ऑपरेटेड रोबोटिक व्हीकल) द्वारा पानी के नीचे निरीक्षण, परिमार्जन और जल स्तर की निगरानी आदि के लिए आधुनिक निगरानी तकनीक भी शुरू की गई हैं।

नियमित अंतराल पर पटरियों के रखरखाव के परिणामस्वरूप ट्रेनों का सुचारू परिचालन हुआ है। यात्रियों के लिए बेहतर सवारी अनुभव प्रदान किया गया है। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे की इंजीनियरिंग विभाग द्वारा रेलवे ट्रैक के लिए संरक्षा उपायों पर अधिक जोर दिए जाने से ट्रेनों की गति और बेहतर सवारी अनुभव के साथ ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/प्रभात

   

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