फतेहपुर : विपक्ष अभी तक नहीं दे पाया प्रत्याशी, ऊहापोह में मतदाता

फतेहपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा 2024 के चुनावी समर में जहां एनडीए गठबंधन ने पहले ही अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। वहीं इंडी गठबंधन अपने प्रत्याशी का चयन तक नहीं कर सका है। बसपा भी अपने प्रत्याशी की अभी तक घोषणा नहीं की है।

प्रत्याशियों के मामले में भाजपा ने पहले घोषणा करके मतदाताओं के समक्ष एक विकल्प दे दिया है और प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति व पार्टी कार्यकर्ता मतदाताओं के बीच जा-जाकर अपने दस साल के कार्यों को गिनाकर समर्थन जुटाने का काम बखूबी कर रहे हैं। वहीं इंडी गठबंधन के तमाम संभावित प्रत्याशी पार्टी के बजाय सिर्फ अपने लिए समर्थन की बात कर रहे हैं, जिससे अभी तक विपक्ष खेमों में बंटा नजर आ रहा है।

इंडी व बसपा के संभावित प्रत्याशी अपनी बात करने से ज्यादा मतदाताओं के सवालों से ही घिरे रहते हैं कि आखिर आपका प्रत्याशी कौन है? इस सवाल का सही उत्तर देने में असमर्थ संभावित प्रत्याशी सिर्फ गोलमोल जवाब देने का ही काम कर रहे हैं। संभावित प्रत्याशियों में पूर्व सांसद डॉ.अशोक पटेल, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, पूर्व जिलाध्यक्ष समरजीत सिंह के नामों का चर्चा चल रही है।

मतदाताओं की मानें तो इस बार राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा भ्रष्टाचार व राममंदिर फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र में इस बार अहम नहीं बनते दिख रहे हैं। लेकिन बेरोजगारी व मंहगाई जैसे मुद्दे जरूर मतदाताओं को प्रभावित करेंगे। आंचलिक या क्षेत्रीय मुद्दों में जिले के विकास पर मतदाता जरूर गंभीर दिख रहा है। जिले स्तर पर भाजपा सरकार द्वारा बनवाये गये मेडिकल कालेज, स्पोर्ट्स कॉलेज व कई सड़कों पर मतदाता भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को तीसरी बार मौका देने की बात कर रहा है। वहीं शहर की सीवर लाईन व गाजीपुर-असोथर मार्ग जो बार-बार मात्र चुनावी जुमले साबित हो रहे हैं। ऐसी ही तमाम मुद्दों पर बदलाव की बातें भी मतदाता कर रहे हैं।

फतेहपुर लोकसभा सीट पर इन्हीं मुद्दों को जनता के बीच जोर-शोर से उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही किसानों से जुड़े मुद्दे, एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर भी विपक्षी पार्टियां चुनावी मैदान में भाजपा को घेरने की कोशिश में जुटी हैं।

फतेहपुर लोकसभा सीट पर भाजपाई सीएए यानी समान नागिरक संहिता (संशोधन) अधिनियम, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर निर्माण को कैश कराने के भरसक प्रयास में है। जिले के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने 400 पार सीटें जीतने का लक्ष्य राम मंदिर लहर को देखते हुए ही तय किया है। लेकिन यह मुद्दा पिछले चुनावों जैसा इस बार के चुनाव को प्रभावित नहीं कर पा रहा है।

व्यापारी प्रदीप गर्ग ने कहा कि जिले की इस सीट पर भी लोकसभा चुनाव में विकास और बेरोजगारी के मुद्दे जनता की फ्रंट लाइन पर है। इन्हीं अहम मुद्दों पर जिले के मतदाता अपने भावी सांसद का चयन करने जा रहे हैं।

जिले के युवा बेरोजगार मतदाता इसरार अहमद ने कहा कि यूं तो जिले में विकास कार्यों की योजनाएं बहुत आई, लेकिन धरातल पर इनका क्रियान्वयन नज़र नहीं आ रहा है। मतदाता वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि वैसे तो चुनाव उम्मीदवारों की जातिगत आधार पर होते हैं। लेकिन इस बार सोंच परख कर जनता से जुड़ा और जिले में किसानों और बेरोजगारों के हित की बात करेगा। उसी उम्मीदवार को सांसद बनाया जाएगा। चाहे वह जिस दल का हो।

हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/राजेश

   

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