कुशीनगर में 14–15 अप्रैल को दिखेंगे लोक संस्कृति के विविध रंग

कुशीनगर में 14–15 अप्रैल को दिखेंगे लोक संस्कृति के विविध रंग

–सूरीनाम व नीदरलैंड के भोजपुरी कलाकार होंगे मुख्य आकर्षण

कुशीनगर,13 अप्रैल (हि.स.)। कुशीनगर के फाजिलनगर क्षेत्र में सांस्कृतिक भड़ैती व फूहड़पन के विरुद्ध जन आंदोलन का रुप ले चुके लोकरंग महोत्सव का आयोजन 14 व 15 अप्रैल को जोगियां सुमालीपट्टी में होगा। इससे संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। देशी विदेशी लोक कलाकरों की टीम का आयोजन स्थल पर पहुंचना जारी है। इसमें पहली बार सूरीनाम व नीदरलैंड के पांच लोक कलाकार शामिल हो रहे हैं। गाजीपुर के संभावना कला मंच के लोगों ने भित्ति चित्र,पोस्टर व कलात्मक चित्रकारी से पूरे आयोजन स्थल को सजा दिया है। वे इसके माध्यम से देश की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक का संदेश दे रहे हैं। अबकी बार का लोकरंग डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित है।

बीते 17 सालों से क्षेत्र की लोकरंग सांस्कृतिक समिति इसका आयोजन करती है। कार्यक्रम की शुरुआत ''लोकरंग 2024'' पत्रिका के विमोचन व विदेशी कलाकरों के स्वागत से होगा।बाद में पड़ोसी प्रांत बिहार के सिवान के जीरादेई की परिवर्तन रंगमंडली कई तरह के लोकगीत प्रस्तुत करेगी। इसके बाद पंवरिया नृत्य,असम का बागुरुंबा बोडो,सिक्किम का तमांग सेलो,राजस्थानी आदि लोक नृत्य, वादन व गायन के कार्यक्रम होंगे।

''दगा हो गए बलमा'' व भिखारी ठाकुर के नाटक भाई विरोध का मंचन होगा। नाटकों के माध्यम से लोक संस्कृति में घुस आई बुराइयों पर प्रहार होगा। भाई विरोध नाटक संयुक्त परिवार के बिखरने की कहानी बयां करती है।दूसरे दिन 15 अप्रैल को दिन में बीएचयू के पूर्व कुलपति सदानंद शाही व पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी प्रो.अवधेश प्रधान, प्रसिद्ध कवि बीआर विप्लवि, कोलकाता विश्वविद्यालय की डॉ.आशा सिंह,''गांव के लोग'' पत्रिका की सह संपादक अपर्णा,दिल्ली के साहित्यकार स्वदेश सिन्हा व रामजी यादव, हिंदी विभाग गोरखपुर के प्रो.राजेश मल्ल आदि विद्वान साहित्यकार ''लोक संस्कृति के समावेशी तत्व'' विषयक विचार गोष्ठी में अपने व्याख्यान देंगे। इन सभी कार्यक्रमों का संचालन रीवा विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डा. दिनेश कुशवाहा करेंगे।

पहली बार हो रहे शामिल:कार्यक्रम में सूरीनाम व नीदरलैंड के लोक कलाकार मेन्नो, सोंदर हीरा, किशन हीरा,वरुण नंदा व असम का बागुरंबा तथा बोडो व भोरताल नृत्य एवं सिक्किम की संस्कृतिक टीम पहली बार शामिल हो रही है।

संबंधित तैयारियां पूरी: सुभाष चंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष,लोकरंग सांस्कृतिक समिति ने बताया कि इस बार का लोकरंग समता,समानता व वंचित तबके के अधिकारों के प्रणेता डा.भीमराव अंबेडकर को समर्पित है। कई नए कार्यक्रमों के जुड़ने से लोकरंग 2024 काफी भव्य होगा। सूरीनाम व नीदरलैंड की टीम के आने से लोकरंग का मंच अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित होगा। लोक संस्कृति व कलाकार को मंच देना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।व्यवसायिक सिनेमा के अभिजात्य वर्ग ने भोजपुरी व हिंदी में फूहड़ता पैदा की है जिसका विरोध भी आयोजन का उद्देश्य है।

हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/बृजनंदन

   

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