कई सीटों पर बसपा ने भाजपा का बढ़ा दिया है सिरदर्द

लखनऊ, 17 अप्रैल (हि.स.)। अब तक शून्य की तरह दिख रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी कम आंकना उपयुक्त नहीं है। बसपा प्रदेश की कई सीटों पर भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है। यह भी तोहमत नहीं डाल सकते कि बसपा भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रही है। पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक कई सीटों पर बसपा के उम्मीदवार भाजपा का सिर दर्द बन गये हैं।

गाजीपुर में सपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी के खिलाफ क्षत्रीय समाज के लोग भाजपा को वोट करते आए हैं। वहां भूमिहारों की संख्या बहुत कम है। भाजपा ने पारस राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने बहुत बाद में अपने पत्ते खोले और सैदपुर क्षेत्र के उमेश सिंह पर अपना दांव खेल दिया। वे बीएचयू के छात्र नेता रह चुके हैं।

दो बार से बस्ती से भाजपा के सासंद हरीश द्विवेदी के खिलाफ सपा के राम प्रसाद चौधरी ताल ठोक रहे हैं। इसी बीच बसपा ने दया शंकर मिश्र को खड़ाकर हरीश द्विवेदी की राह को कठिन बना दिया। वे राम प्रसाद चौधरी की अपेक्षा ज्यादा हरीश द्विवेदी के लिए सिर दर्द पैदा करने का काम करेंगे।

जौनपुर सीट की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, जहां पर भाजपा ने कृपा शंकर सिंह को मुंबई से बुलाकर जौनपुर का टिकट दिया। वे धन से काफी मजबूत हैं। मैदान में पहले से ही तैयारी शुरू कर दिये थे। इसी बीच बसपा ने भी धनंजय सिंह की पत्नी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। ऐसे में सपा उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा के लिए राह आसान होती दिख रही है।

वही स्थिति आजमगढ़ की है, जहां राजभर समाज से भाजपा को काफी उम्मीद थी। निरहुआ को भरोसा था कि राजभर समाज उनकी जीत को आसान बनाएगा लेकिन बसपा ने भीम राजभर को उम्मीदवार बनाकर भाजपा की राह को कठिन कर दिया। उधर पश्चिम में मेरठ से देवव्रत त्यागी को टिकट देकर भाजपा का बी टीम बनने की सोच को बसपा ने खत्म कर दिया है। राजनीतिक विष्लेशक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि यह बात सही है कि बसपा अपने बहुत खराब दिन से गुजर रही है। इसके साथ ही एक सच यह भी है कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी से उत्तर प्रदेश में बसपा आज भी मजबूत स्थिति में है। उसके पास अब भी एक जनाधार है। यही वजह है कि बसपा ने जिन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारे हैं, वहां पर भााजपा के साथ ही सपा के लिए भी राह कठिन कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दिलीप

   

सम्बंधित खबर