छतरपुर: विश्व पृथ्वी दिवस पर व्याख्यान माला का आयोजन

छतरपुर, 22 अप्रैल (हि.स.)। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में सोमवार को पृथ्वी दिवस पर एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। पर्यावरण विज्ञान के सहा प्राध्यापक डॉ. निकेत मिश्रा ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस 2024 जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी समस्याओं पर विमर्श करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष की थीम ग्रह बनाम प्लास्टिक को ध्यान में रखते हुए, हम सभी को साथ मिलकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने का प्रण लेना चाहिए। हमारे द्वारा किए गए छोटे-छोटे परिवर्तन भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि खुद का बैग लेकर चलना और रोज़मर्रा के जीवन में एकल-उपयोग प्लास्टिक से बचना।

वरिष्ठ सलाहकार डॉ.बी.एस. राजपूत ने कहा कि आइए, इस अवसर पर हम सब मिलकर भावी पीढ़ियों के लिए वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने, अपने आस-पास सफाई रखने एवं धरती को हरी-भरी व सुंदर बनाने का संकल्प करें। हिंदी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ.आशीष कुमार तिवारी ने कहा कि पृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है जिसमें जल, वायु, पेड़-पौधे, सभी प्राणी और इससे जु़ड़े अन्य कारक भी हैं। पृथ्वी बचाए रखने के लिए प्राकृतिक संतुलन बनाये रखना अति आवश्यक है।

इतिहास विभाग के सहा प्राध्यापक डॉ. शिवविजय त्रिपाठी ने कहा कि आज हम संकल्प लें कि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रकृति से छेड़-छाड़ न करेंगे lभारतीय संस्कृति में प्रकृति संरक्षण एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। पेड़-पौधे, नदी-पर्वत, अग्नि-वायु सहित प्रकृति के विभिन्न रूप हमारे लिए वंदनीय हैं। पृथ्वी और प्रकृति हमारी आने वाली पीढ़ियों की धरोहर हैं।गणित विभाग के सहा प्राध्यापक योगेश द्विवेदी ने कहा कि आज 'विश्व पृथ्वी दिवस' पर आइये हम ईश्वर द्वारा प्राप्त इस संपदा के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लें।

कार्यक्रम में भाग्यवती चौरसिया, अंकिता त्रिपाठी, डॉ. गौरव निगम, रोहित बिदुआ एवम खुशबू चौहान आदि प्राध्यापक सहित अन्य विभागों के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर/मुकेश

   

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