कांग्रेस ने शर्म छुपाने के लिए गीता के श्लोकों, रवींद्रनाथ के गीतों का सहारा लिया: भाजपा

गुवाहाटी, 03 मार्च (हि.स.)। असम प्रदेश भाजपा ने सोमवार को कहा कि असम में तथाकथित विपक्षी एकता बैठक बिखराव में बदल गई, जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व को अपनी शर्म छुपाने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों और श्रीमद् भगवद्गीता के श्लोकों का सहारा लेना पड़ रहा है। यह कांग्रेस की हताशा का प्रतीक है।

भाजपा ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा कि कांग्रेस और कुछ राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक दलों ने असम की राजनीति में भाजपा के मजबूत संगठन के खिलाफ एक कमजोर प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन यह कोई नया नाटक नहीं है। पिछले कई वर्षों से ये दल अलग-अलग नामों के तहत यही विपक्षी एकता का ड्रामा दोहराते आ रहे हैं।

विडंबना यह है कि इस तथाकथित गठबंधन में खुद कांग्रेस को अपने सहयोगियों के साथ समझौते के नाम पर बार-बार विश्वासघात करने का दोषी ठहराया गया है। भाजपा ने कहा कि जो कथित राष्ट्रवादी क्षेत्रीय दल असम की अस्मिता की रक्षा का दावा करते हैं, वे उसी कांग्रेस के साथ हाथ मिला चुके हैं, जिसने 855 असमिया युवाओं की निर्मम हत्या करवाई थी। यह दर्शाता है कि इन अवसरवादी दलों के लिए सत्ता ही सबकुछ है, नैतिकता कोई मायने नहीं रखती। भाजपा ने ऐसे अपवित्र गठबंधनों की कड़ी निंदा करती है।

भाजपा ने यह भी कहा कि आज भाजपा असम में सबसे अनुशासित और संगठित राजनीतिक शक्ति है। पिछले छह-सात महीनों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में एक विशाल सदस्यता अभियान चलाया और जमीनी स्तर पर संगठनात्मक चुनाव पूरे किए, जो पूरी तरह अनुशासन और समर्पण के साथ संपन्न हुए।

भाजपा ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि विचारधारा से विपरीत, मीडिया-निर्मित और जनाधार-विहीन पार्टियों का गठजोड़ एक संगठित भाजपा को चुनौती दे सकता है, यह सोचना भी निरर्थक है। यह वैसा ही है जैसे कोई पहाड़ पर कछुए के अंडे खोजने जाए!

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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