नारनौलः हकेवि के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में 49 को मिले स्वर्ण पदक

1426 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां

नारनाैल, 8 मार्च (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को हुआ। दीक्षांत समारोह में मध्यप्रदेश के सागर में स्थित डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य ममता यादव व पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के निखिल माथुर शामिल हुए।

हकेवि के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में कुल एक हजार तीन सौ 81 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पीएच.डी., स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्रदान की गई। साथ ही 49 विद्यार्थियों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में स्नातक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत पांच सौ 70 तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आठ सौ 11 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इसमें 49 शोधार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। एक हजार चार सौ 26 विद्यार्थियों व शोधार्थियों में सात सौ 79 छात्र और छह सौ 47 छात्राएं शामिल हैं।

हकेवि के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के जीवन में नए अध्याय की शुरुआत करेगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों के दो हजार तीन सौ 65 से अधिक शोध-पत्र स्कोपस एवं वेब ऑफ साइंस पर उपलब्ध हैं और विश्वविद्यालय का एच इंडेक्स 65 है जो कि इसे देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में खड़ा करता है। विश्वविद्यालय राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से 31 रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रहा है।

इसी क्रम में विश्वविद्यालय में शोध के विकास हेतु मैट्रो लैब, ईवी लैब, 5जी लैब की स्थापना भी की गई है। संसाधनों के विकास के स्तर पर विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार से 273 करोड़ 47 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। साथ ही साथ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को देखते हुए वर्ष 2024 में फिक्की द्वारा एमर्जिंग यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के तीन पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत हो गई है। इसके माध्यम से नियमित विद्यार्थियों के साथ.साथ पत्राचार के माध्यम से नए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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