मां के स्वरूप में ही ईश्वर का दर्शन होता है - शेषधर द्विवेदी

सरस्वती विद्या मन्दिर में मातृभारती का सम्मेलन संपन्न

सुलतानपुर, 17 मई (हि.स.)। मातृ भारती के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उ प्र काशी प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी ने कहा कि मातृ-भारती के गठन का उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कार में समन्वय स्थापित करना है।इस दृष्टि से मां की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। मां अपनी अन्तिम सांस तक अपने सन्तान की चिन्ता करती है ।

अखिल भारतीय विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ज्ञान कुंज विवेकानंद नगर में नवगठित मातृ-भारती कार्यकारिणी के साथ सम्मेलन का आयोजन शुक्रवार को किया गया। मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उ प्र काशी प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी एवं विशिष्ट अतिथि विद्यालय के प्रबन्धक डॉ पवन सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

विद्यालय के प्रबन्धक डा० पवन सिंह ने सम्मेलन में उपस्थित माताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मातृ शक्ति के सहयोग से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास सम्भव है।अत एव विद्यालय परिवार समय समय पर छात्रों के नैतिक एवं शैक्षिक मूल्यों के उन्नयन एवं संवर्धन के लिए आपसे निरन्तर मार्गदर्शन की अपेक्षा रखता है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश मणि त्रिपाठी ने उपस्थित मातृशक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा हमारी माताएं संस्कार की प्रथम पाठशाला हैं, माताओं के दिए गए संस्कार का ही प्रतिफल है कि इस वर्ष हमारे विद्यालय का शत प्रतिशत परीक्षाफल है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश मणि त्रिपाठी द्वारा मंचासीन अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया गया। मातृ-भारती के पदाधिकारियों का परिचय कार्यक्रम की संयोजिका ज्योति त्रिपाठी द्वारा कराया गया। वरिष्ठ आचार्या रंजना पाण्डेय ने सम्मेलन की कार्ययोजना एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मानव जीवन का कर्त्तव्य है कि हम पारस्परिक सहयोग एवं सद्भाव के साथ जीवन व्यतीत करें।जब हम जीवन के इस पक्ष की अवहेलना करते हैं तो हमारे सामाजिक मानदंड धरे के धरे रह जाते हैं , और तभी समाज पतन की ओर अग्रसर होता है। मातृशक्ति में अपने बच्चे का भविष्य गढ़ने की अभूतपूर्व क्षमता होती है।मां ही बच्चे की प्रथम शिक्षिका है और परिवार ही बच्चे की प्रथम पाठशाला है।

सम्मेलन में निशा शुक्ला,सन्ध्या चतुर्वेदी, श्रीमती प्रतिभा साहू , मंशा मिश्रा, वनिता यादव, मधु सिंह, मन्त्री उधा यादव ,सिम्पल सिंह, सन्ध्या अग्रहरि, शालिनी अग्रवाल, रूपवती सिंह एवं कोषाध्यक्षा बिन्दू सिंह सहित की वरिष्ठ आचार्या श्रीमती सरिता त्रिपाठी के नेतृत्व में स्वागत किया गया। आचार्या बहनें शशी द्विवेदी, श्रद्धा सिंह, सुधा सिंह , आदि के द्वारा बैच लगाकर माल्यार्पण के साथ किया गया। विद्यालय की आचार्या निष्ठा चतुर्वेदी द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया ।

हिन्दुस्थान समाचार/दयाशंकर

/बृजनंदन

   

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