जयपुर पुलिस ने किया नजर सिटीजन एवं अद्यतन नजर पुलिस ऑफिसर्स एप्लीकेशन लॉन्च

Jaipur police launched Nazar Citizen and Updated Nazar Police Officers Application

जयपुर, 12 जून (हि.स.)। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बुधवार को जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में नजर सिटीजन एवं अद्यतन नजर पुलिस ऑफिसर्स एप्लीकेशन लॉन्च किया है। जो जयपुर में रह रहे नौकर व किरायेदारों का सर्वे एवं प्रत्येक व्यक्ति की प्रॉपर्टी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण ऐप है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि जयपुर में रह रहेे आमजन एवं उनकी सम्पत्ति को और अधिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देष्य से नज़र सिटीजन एप्लीकेशन तथा अद्यतन “नज़र पुलिस ऑफिसर्स” एप्लीकेशन विकसित किये है। जयपुर पुलिस द्वारा पूर्व में संचालित नज़र एप्लीकेशन (जो बीट अधिकारी द्वारा डॉर टू डॉर पहुँच कर नौकर व किरायेदारो की डिटेल्स डिजिटल ली जा रही थी। जिसमें बीट स्तर से प्राप्त सुझाओ को ध्यान में रखते हुए और आमजन को ओर अधिक सुविधा मुहैया करवाये जाने के उद्देष्य से नज़र सिटीजन एप्लीकेशन को विकसित किया गया है।

नजर सिटीजन एप्लीकेशन का उद्देश्य

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जयपुर में रहने वाले आमजन, व्यापारियों एवं व्यवसायियों को और अधिक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से घर-व्यावसायिक संपत्ति में रह रहे किराएदार-नौकरों की पहचान सुनियोजित की जा सकेगी। वहीं घर बैठे ही नौकर व किरायेदारो की सम्पूर्ण जानकारी आसानी से एप्लीकेशन के माध्यम से जयपुर पुलिस के साथ साझा की जा सकेगी। इसके अलावा मकान-सम्पत्ति मालिक के पास भी उनके यहां पूर्व में रहे और वर्तमान में रहे नौकर व किरायेदारो का डिजिटली डेटा संग्रहित रह पायेगा। जयपुर में आये प्रवासियों के रिकॉर्ड का संग्रहण किया जा सकेगा। साथ ही जयपुर में छिपकर रहने वाले बाहरी उपद्रवियों की पहचान करना आसान होगा। जयपुर में रहने वाले आमजन,व्यापारियों एवं व्यवसायियों द्वारा अपनी संपत्ति-मकान से बाहर जाने तथा घर-व्यावसायिक संपत्ति में कोई नहीं रहने की स्थिति की सूचना पुलिस तक इस एप्लीकेशन के माध्यम से दी जा सकेगी। जिससे पुलिस गश्ती दल द्वारा उस क्षेत्र में ओर अधिक प्रभावी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। यह एप्लीकेशन गगूल प्ले स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है, जिसको नज़र एप्प के नाम से सर्च किया जा सकेगा। नज़र सिटीजन एप्लीकेशन द्वारा भरी हुई जानकारी की डिटेल्स स्वतः ही बीट कांस्टेबल को प्रदर्शित होगी। जिसको बीट कांस्टेबल द्वारा अपनी नज़र पुलिस ऑफिसर्स एप्प में लॉगिन करके देखा जा सकेगा। यदि सिटीजन द्वारा पुलिस थाना-बीट की जानकारी सही नहीं भरी है तो बीट कांस्टेबल उस सूचना को सम्बन्धित पुलिस थाना-बीट में हस्तांतरित कर सकेगा। नज़र पुलिस ऑफिर्स्स एप्लीकेशन के लिए पांच स्तर (बीट स्तर, थानाधिकारी स्तर, सर्किल स्तर, जिला स्तर एवं पुलिस आयुक्तालय स्तर) से प्रभावी रूप से संचालित एवं सुपरविजन किया जा सकेगा।

नजर सिटीजन एप्लीकेशन की कार्य पद्धति

पुलिस कमिश्नर ने बताया जयपुर स्थित मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, होस्टल के ऑनर द्वारा नज़र सिटीजन एप्लीकेशन में अपनी सामान्य जानकारी भरने के उपरान्त, अपनी सम्पत्ति-रेंटल सम्पत्ति को एड करेगा। एक से अधिक संपत्ति को भी एक ही एप्लीकेशन में एक किया जा सकेगा। मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, होस्टल में लगे हुए विद्युत कनेक्शन के बिल का के नम्बर से संपत्ति की पहचान की जा सकेगी। जिसके लिए विद्युत कनेक्शन के बिल के के नम्बर इंद्राज करना अनिवार्य किया गया है। मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, होस्टल में रह रहे नौकर व किरायेदारों की जानकारी जैसे फोटो, आधार कार्ड नम्बर (प्राथमिकता) या अन्य आईडी जैसे मोबाईल नम्बर, वाहन संख्या आदि प्राप्त कर इन्द्राज किया जायेगा। सिटीजन द्वारा इन्द्राज की जाने वाली जानकारी को बीट कांस्टेबल द्वारा वेरीफाई किया जाएगा। बीट कांस्टेबल द्वारा सिटीजन द्वारा भरी जानकारी सही है या नहीं, या उसके थाने-बीट ही है या नहीं आदि को वेरीफाई होने के उपरान्त सम्पत्ति स्वामी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के द्वारा स्वतः सूचना प्रेषित हो जाएगी।

“नजर पुलिस ऑफिसर एप्लीकेशन की कार्य पद्धति

सिटीजन द्वारा सम्पत्ति,नौकर,किरायेदार,रिश्तेदार,घर से बाहर जाने आदि की सूचना भरने के उपरान्त सिटीजन द्वारा चयन की हुई बीट पर स्वतः ही अग्रेषित होगी। उक्त बीट कांस्टेबल को नोटिफिकेषन द्वारा अर्ल्ट प्राप्त होगा कि उसकी बीट में एक सम्पत्ति को एड किया गया है। बीट कांस्टेबल द्वारा सम्पत्ति का एरिया,क्षेत्र देख कर पहचान करेगा कि सिटीजन द्वारा चयन की गई बीट,पुलिस थाना सही है या नहीं। यदि सही है तो उसको स्वीकार करेगा। तथा यदि बीट,पुलिस थाना अन्य कोई है तो उसको संबंधित बीट,थाना में हस्तांतरित करेगा। बीट कांस्टेबल द्वारा सिटीजन द्वारा दर्ज की गई संपत्ति को बीट,पुलिस थाना स्वीकार करने के पश्चात उस संपत्ति के संबंध में सिटीजन द्वारा दर्ज किये गये (नौकर,किरायेदार,विजिटर,सम्पत्ति मालिक स्थिति आदि) विवरण का सम्बन्धित बीट कांस्टेबल व पुलिस थाना द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा पुलिस कमिश्नरेट जयपुर में प्रति दिन सम्पत्ति पर अनुपस्थित रहने वाले मकान,व्यवसाय में गश्ती दल को समय -समय पर भिजवाया जा सकेगा और उनकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा सकेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

   

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