अशोकनगर: रिश्वतखोर मत्स्य अधिकारी को 4 साल की सजा

अशोकनगर,9 जनवरी(हि.स.)। आठ साल पूर्व रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए तत्कालीन मत्सय अधिकारी को भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश द्वारा मंगलवार को 4 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

एडीपीओ एवं सहायक मीडिया सेल प्रभारी यशपाल सिंह यादव द्वारा बताया गया कि 21 दिसम्बर 2015 को फरियादी टीकाराम द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ग्वालियर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी कि धारा सिंह मीणा, सहायक मत्स्य अधिकारी एवं प्रभारी सहायक संचालक मत्स्य उद्योग विभाग अशोकनगर के द्वारा कोचा सिंचाई जलाशय को 10 वर्ष की लीज पर देने के एवज में 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई है। उक्त शिकायत पर से लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए आवेदक टीकाराम को लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर से एक वायस रिकॉर्डर दिया गया। आवेदक ने आकर उक्त वायस रिकॉर्डर में आरोपी के द्वारा की गई रिश्वत की मांग को रिकॉर्ड करके लोकायुक्त को पेश की थी।

आरोपी धारा सिंह मीणा सिंचाई जलाशय से मछली पकडऩे के पट्टे के एवज में 50 हजार रुपये की मांग आवेदक से कर रहा था। आवेदक टीकाराम के द्वारा रिश्वत में दिये जाने के लिए लाये गये 25 हजार रुपये पंचसाक्षियों को सुपुर्द किये गये। लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेपदल का गठन किया गया। निरीक्षक अतुल सिंह के द्वारा फरियादी टीकाराम को निर्देश देकर रवाना किया गया। उसके साथ साथ शेडो साक्षी आर. प्रीतम सिंह और आर. रामगोपाल को भी रवाना किया गया। फरियादी टीकाराम कार्यालय सहायक संचालक मत्स्य उद्योग में चला गया जहां आवेदक से आरोपी धारा सिंह मीणा के द्वारा रिश्वत की राशि 25 हजार रुपये प्राप्त की गई। 5 मिनिट बाद आवेदक टीकाराम ने इशारा किया तो दोनों शेडो साक्षी कार्यालय में प्रवेश कर गये और उनके पीछे ट्रेपदल भी पहुंच गया। शेडो साक्षी ने आरोपी धारा सिंह के दोनों हाथ पकड़ लिये। उक्त मामले में आरोपित को 4 साल की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ देवेन्द्र ताम्रकार

   

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