सुख दुख से ऊपर की अवस्था होती है भक्ति : राजीव बिजलवाण

निरंकारी संसद द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए छाया विक्रम

ऋषिकेश, 10 जनवरी (हि.स.)। चंद्रेश्वर पब्लिक स्कूल शीशम झाड़ी ऋषिकेश में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की कृपा से विशाल सत्संग का दिव्य आयोजन हुआ।

बुधवार को देहरादून से आए ज्ञान प्रचारक महात्मा राजीव बिजलवाण ने अपने प्रवचनों में कहा की भक्ति सुख दुख से ऊपर की अवस्था होती है भक्त और भगवान का मिलन भक्ति है। परमात्मा को जानकर भक्त हर समय प्रभु परमात्मा के एहसास में रहता है। भक्त और भगवान का नाता ब्रह्मज्ञान से जुड़ जाता है। फिर भक्त को सुख-दुख का कोई फर्क नहीं पड़ता वह हर समय आनंद और सुकून का जीवन जीते हुए भक्ति की अवस्था को प्राप्त करता है।

उन्होंने कहा कि सत्संग सेवा सुमिरन के बिना भक्ति अधूरी है। संतों का संग यानी सत्संग, सेवा, सिमरन करने से मन के विकार दूर हो जाते हैं और यह मन परमात्मा में लग जाता है। जब इस सत्य का ज्ञान हो जाते है तो फिर जीवन कैसा भी हो, कोई भी स्थिति हो, आनंद की अवस्था में ही हमारा जीवन व्यतीत होता है।

सत्संग कार्यक्रम में देहरादून से शशि कपूर अनिल, यशोदा, अनीता, एवं सुशीला पुंडीर आदि ने अपने भाव गीत और भजन के माध्यम से व्यक्त किया एवम स्कूल के प्रबंधक प्रमोद शर्मा भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम

/रामानुज

   

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