मकर संक्रान्ति पर पूरे दिन रहेगा पुण्य काल : नागेश दत्त द्विवेदी

-सोमवार सुबह 8:43 बजे से सूर्यास्त तक मिलेगा स्नान दान का पुण्य लाभ

प्रयागराज, 13 जनवरी (हि.स.)। मकर संक्रान्ति सूर्य उपासना का विशेष पर्व है। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अपने क्षेत्रीय नामों से एवं स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार यह पर्व मनाया जाता है। अबकी बार यह पर्व 15 जनवरी सोमवार को मनाया जायेगा। इस वर्ष पुण्य काल पूरे दिन सूर्यास्त होने तक रहेगा। मकर संक्रान्ति पर संगम एवं गंगा स्नान व दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

यह जानकारी श्री शारदा ज्योतिष कार्यालय के आचार्य नागेश दत्त द्विवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि मकर का पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 8:43 बजे से शाम 5:23 बजे सूर्यास्त तक है। महापुण्य काल सुबह से दोपहर 12:58 तक है। इस दिन रवि योग के साथ अन्य शुभ योगों का भी लाभ प्राप्त होगा। सूर्यास्त होने तक सभी श्रद्धालु स्नान-दान का पुण्य लाभ ले सकेंगे।

आचार्य नागेश दत्त द्विवेदी ने बताया कि संक्रान्ति के समय सूर्य देव का वाहन अश्व होगा और वस्त्र श्याम रंग का होगा। भगवान भास्कर घोड़े पर सवार होकर दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। आचार्य ने कहा कि सूर्य नारायण नैऋत्य दृष्टि से पूर्व दिशा में गमन करेंगे। इस दिन दूर्वा अर्पित करने तथा खिचड़ी दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। आचार्य ने कहा कि धनु से मकर में प्रवेश करते ही सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। इसी के साथ ही खरमास की भी समाप्ति हो जाती है और शुभ कार्य पुनः प्रारम्भ हो जाते हैं।

कोटि जन्मों के पापों से मिलेगी मुक्ति

नागेश दत्त द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रान्ति पर इस वर्ष शुभ योग भी बन रहे हैं। साथ ही कुम्भ राशि के चन्द्रमा में मकर का पुण्य काल है जोकि बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य पूजन के साथ-साथ भगवान शिव का अभिषेकात्मक पूजन करने से व्यक्ति कोटि जन्मों के पापों से क्षण भर में मुक्त होकर पुण्य लाभ अर्जित करता है। आचार्य ने कहा कि गंगा स्नान के उपरान्त सुपात्र को कम्बल, घी, तिल, ऊनी वस्त्र, लड्डू एवं खिचड़ी के दान से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और उसके पुण्य उदित हो जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दिलीप

   

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