पीएम गतिशक्ति को जिला स्तर पर बनाया जाएगा मजबूतः विशेष सचिव सुमिता डावरा

- सेंट्रल ज़ोन की “एरिया डेवलपमेंट अप्रोच” पर हुई प्रथम जिला स्तरीय क्षेत्रीय कार्यशाला

भोपाल, 18 जनवरी (हि.स.)। पीएम गतिशक्ति को जिला स्तर पर मजबूत बनाया जाएगा। पीएम गति शक्ति (पीएमजीएस) राष्ट्रीय मास्टर प्लान के लागू होने के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर, सोशल सेक्टर एवं राज्यों की प्रोजेक्ट प्लानिंग को और ज्यादा गति दी जाएगी। जिला के स्तर पर भी लागू किया जा रहा है तथा जिला कलेक्टर्स के अनुभवों के आधार पर “एरिया डेवलपमेंट अप्रोच” को आगे बढ़ाया जाएगा।

यह बात गुरुवार को डीपीआईआईटी (लॉजिस्टिक्स) भारत सरकार की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने राजधानी भोपाल में आयोजित पीएम गति शक्ति की पहली कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में मध्य प्रदेश के आठ जिलों के कलेक्टर, छत्तीसगढ़ के 10 जिलों के जिला परिषद सीईओ, एनआईसी के तकनीकी अधिकारी ने भाग लिया। कार्यशाला का आयोजन उदयोग प्रोत्साहन एवं आंतरिक व्यापार विभाग -डीपीआईआईटी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एमपीआईडीसी के सहयोग से किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन डीपीआईआईटी (लॉजिस्टिक्स) भारत सरकार की विशेष सचिव सुमिता डावरा, डीपीआईआईटी भारत सरकार के संयुक्त सचिव ई. श्रीनिवास एवं प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी संचालक डॉ. नवनीत मोहन कोठारी द्वारा किया।

उल्लेखनीय है कि पीएम गति शक्ति (पीएमजीएस) राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में लॉन्च किया था। यह प्रोजेक्ट प्लानिंग एवं आर्थिक क्षेत्रों के एकीकृत प्लानिंग के लिये एक सशक्त सिस्टम है। जीआईएस आधारित आईटी सिस्टम तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के स्तर पर गठित इन्स्टिच्यूशनल फ्रैम वर्क पीएम गतिशक्ति को सशक्त बनाया।

सुमिता डावरा ने बताया कि पीएम गति शक्ति एमपी के जिलों को शामिल करने से पीएम गति शक्ति एनएमपी के सभी स्टैक होल्डर्स एक साथ आएंगे। परिणामस्वरूप जिलों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों के बीच सूचनाओं का प्रभावी आदान-प्रदान होगा। इससे व्यापक, समग्र और एकीकृत क्षेत्रीय विकास होगा एवं ईज़ ऑफ डूइंग बिजनस, ईज़ ऑफ लिविंग एवं ग्रीन लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पीएमजीएस एनएमपी के तहत कई सक्सेस स्टोरी की पहचान की गई है।

उन्होंने बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने पीएम-जनमन (प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) पहल के तहत 23000 आदिवासी बस्तियों का व्यापक विश्लेषण करने के लिए पीएम गतिशक्ति का उपयोग किया है। इन बस्तियों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिये 35 क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी आदि की पहचान की गई है, ताकि इन क्षेत्रों का जीवन स्तर सुधर सके।

कार्यशाला में बताया गया कि मध्यप्रदेश में स्थित एनएच-44 को छत्तीसगढ़ के एनएच-30 से जोड़ने वाले लखनादौन-रायपुर ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की परियोजना को पीएमजीएस-एनएमपी पोर्टल का उपयोग करके क्रियान्वित किया जा रहा है, जिससे कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है। मल्टी-मॉडल परिवहन को बेहतर बनाने के लिए पांच प्रमुख रेलवे स्टेशनों, तीन हवाई अड्डों और एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के साथ कनेक्टिविटी में भी सुधार किया जा रहा है।

इस मौके पर विभिन्न बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों द्वारा पीएमजीएस की सर्वोत्तम प्रथाओं और उपयोग के मामलों पर चर्चा की गई, जिसमें सड़क, राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय, दूरसंचार मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, भूमि संसाधन विभाग आदि ने अपने विचार रखे। नीति आयोग द्वारा बेहतर प्लानिंग के लिये एरिया डेवलपमेंट अप्रोच एवं टेक्नॉलजी के सहयोग से और बेहतर योजना क्रियान्वयन पर प्रेज़न्टैशन दी गई।

बुनियादी ढांचे, सामाजिक और आर्थिक सुविधाओं की प्रभावी योजना में पीएमजीएस एनएमपी मंच की उपयोगिता और व्यापक क्षेत्र-आधारित योजना को सुविधाजनक बनाने में जिला कलेक्टरों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।

स्कूलों, अस्पतालों, आंगनवाड़ी केंद्रों आदि में हर मौसम में सड़क, बिजली, इंटरनेट, पेयजल जैसी सुविधाएं प्रदान करने में पीएम गति शक्ति के लाभों के बारे में जिला स्तर के अधिकारियों के साथ बातचीत की गई। ज़िला कलेक्टर्स के लिये जारी हैण्ड बुक पर भी चर्चा की गई।

भास्कराचार्य नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एण्ड जिओ इन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) के विशेषज्ञों के सहयोग से जिलों के लिये डिस्ट्रिक्ट पोर्टल बनाये गये हैं। जिस पर विभिन्न डाटा लेयर उपलब्ध होंगी। एरिया डेवलपमेंट अप्रोच के क्रियान्वयन के लिये अधिकारियों की ट्रैनिंग कराई जायेगी। राज्य स्तर पर गठित पीएमगति शक्ति इकाइयों एवं बीआईएसएजी-एन के माध्यम से जिलों के लिये इस कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाएगा। साथ ही इस कड़ी में अन्य जिलों को ऑनबोर्ड करने के लिये अन्य राज्यों में छह और कार्यशालाएँ होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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