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बेतिया, 19 जनवरी (हि.स)। बेतिया पुलिस जिला के राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय लक्ष्नौता हाजी टोला के हेड मास्टर लालबाबू सिंह को रात्रि मे नकाबपोश अपराधियों ने उस समय गोलियों से भून डाला। जब प्रधान शिक्षक अपने निजी क्लीनिक में बैठे हुए थे।
घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि प्रा. शिक्षक अपने क्लीनिक में अकेले बैठे हुए थे। इसी बीच करीब आधे दर्जन अपराधी क्लीनिक में घुसकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। अपराधियों द्वारा 11 राउंड गोलियां चलाई गई। सभी अपराधी पैदल थे। विदित हो कि उक्त शिक्षक उसमान अंसारी के घारी घोठा के समीप उनके पक्का के इल्वेस्टर के मकान में अपना निजी क्लीनिक चलाते थे। उनका क्लिनिक घर से करीब 300 मीटर तथा स्कूल से करीब 200 मीटर की दूरी पर गांव के मुख्य सड़क के उत्तर किनारे स्थित था। अपराधियों को जाते देख ग्रामीणों ने समझा कि शिक्षक लालबाबू सिंह का संभवतः अपहरण हो गया है। अपराधी क्लीनिक के बगल से होते हुए उत्तर दिशा की तरफ जाने लगे तो ग्रामीणों ने अपराधियों का पीछा करना शुरू किया। परंतु अपराधी भागने में सफल रहे।
ग्रामीणों द्वारा क्लीनिक बंद कर दी गई थी। अपराधियों का पीछा करने की उपरांत जब गांव के लोग क्लिनिक के पास पहुंचे तो मृतक का पुत्र दरवाजे से झांक कर देखा तो उनके पिता काउंटर के पास जमीन पर गिरे हुए थे। दरवाजा खोलकर गंभीर रूप से जख्मी प्रधान शिक्षक को आनन-फानन में रामनगर पीएचसी ले जाया गया जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर काजीम ने लालबाबू सिंह को मृत घोषित कर दिया। उक्त शिक्षक के मौत की सूचना मिलने पर पूरे गांव में मातम छा गया। रामनगर में ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु बेतियां भेज दिया।
उक्त शिक्षक की बहाली हाजी टोला लक्ष्नौता उर्दू प्राथमिक विद्यालय में 2003 में हुई थी। वह 21 वर्ष से उक्त विद्यालय में प्रधान शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनके इस आकस्मिक मौत से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है। मृतक के भाई ध्रुव सिंह ने बताया कि रामनगर के एक व्यक्ति से जमीनी विवाद को लेकर मुकदमा चलता है। दूसरे किसी से हमारे परिवार को कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है। 6 भाइयों में लालबाबू सिंह सबसे छोटा था। तीन भाई गांव में ही घर बनाकर अलग रहते हैं। वह खेती तथा मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापंन करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक़ /चंदा