कृषि विश्वविद्लायल ऑर्गेनिक हब बनाने पर करें काम : नरेंद्र सिंह तोमर

मेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्रीमेले का समापन समारोह में दीप प्रज्वलित करते पूर्व कृषि मंत्री

उत्तर क्षेत्रीय तीन दिवसीय कृषि मेले का समापन

झांसी,10 फरवरी(हि. स.)। वीरांगना नगरी झोसी स्थित रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में “सतत् विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि” के विषय पर तीन दिवसीय “उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी” का आज समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार, नरेन्द्र सिंह तोमर ने विश्वविद्याल का आह्वान करते हुए कहा कि आर्गेनिक हब बनाने पर काम करें।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के साथ विशिष्ट अतिथि संयुक्त सचिव कृषि मंत्रालय भारत सरकार सैमुएल परवीन कुमार, निदेशक प्रसार भारत सरकार, डाॅ एसके मिश्रा, कुलाधिपति डाॅ पंजाब सिंह, कुलपति डाॅ अशोक कुमार सिंह, मेयर झांसी बिहारी लाल आर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर समापन सत्र की शुरुआत की। मुख्य अतिथि को कुलपति ने मेले का भ्रमण कराया। विवि के कुलगीत के साथ मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंह तोमर को अंगवस्त्र, विवि द्वारा तैयार किए गए उत्पाद, रामदरबार स्मृति चिन्ह देकर कुलपति डाॅ अशोक कुमार सिंह ने स्वागत व सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथियों को मेला संयोजक डाॅ एसएस सिंह ने अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह व विवि उत्पाद देकर सम्मानित किया।

कुलपति डाॅ अशोक कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत परिचय कराया। उन्होंने इस तीन दिवसीय मेले की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इसमें 15000 किसान सीधे-सीधे जुड़ गए हैं। इस मेले में 125 स्टाॅल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् से पधारे 25 से अधिक संस्थान, वैज्ञानिक एवं अन्य राज्यों से आए प्रगतिशील किसान, उपस्थित विभिन्न स्कूलों के बच्चे, क्षेत्रीय किसान तथा उपस्थित सभी का अभिनंदन स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कृषि विवि झांसी के तीन महाविद्यालय इसमें दतिया में मत्स्य एवं पशु महाविद्यालय, मुरैना में उद्यानिकी काॅलेज का उद्घाटन आज के मुख्य अतिथि पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा किया गया है। उन्होंने विवि द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी विवरण दिया।

मुख्य अतिथि पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार, विधान सभा अध्यक्ष मध्यप्रदेश, नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर झांसी में इस केन्द्रीय कृषि विवि का आरम्भ होना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। पुनः कुलपति व उनकी टीम को इस विवि को ऊंचाइयों पर पहुंचाने व गम्भीरता से काम करने के लिए बधाई दी। उन्होंने इसी संस्था से संचालित दतिया में मत्स्य व पशु विज्ञान महाविद्यालय, मुरैना में उद्यानिकी महाविद्यालय चालू होने जा रहा है। भारत सरकार ने यह सब इसलिए किया है कि कृषि क्षेत्र में बदलाव आए। बीते दिनों कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग एवं नई तकनीकों तथा विभिन्न कृषि यंत्रों सहित अन्य उर्वरक इन सब का लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है। बुंदेलखण्ड का क्षेत्र चाहे मध्य प्रदेश हो या उत्तर प्रदेश यह दोनों प्रदेश पलायन के लिए देश में जाने जाते थे। यहां की पथरीली जमीन सिंचाई का साधन कम होना एवं अन्य समस्याएं किसानों को पलायन करने पर मजबूर कर देती थीं। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा पहले कहा जाता था किसानी उसी की जिसके पास पानी है लेकिन अब कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अब कहा जाता है कि किसानी उसी की जिसके पास ज्ञान है। इन सभी संस्थाओं से बदलाव आना प्रारम्भ हुआ है। इन सबका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को भी बधाई दी, जिन्होंने बुंदेलखण्ड को नई पहचान दी है। चाहे तिलहन हो या दलहन हो इन सबके लिए पहले बुंदेलखण्ड जाना जाता था। लेकिन अब यहां सभी फसलें होने लगी हैं।

पूर्व कृषि मंत्री ने कृषि विवि से आह्वान किया कि ऑर्गेनिक हब बनाने पर भी कार्य करें। आज देश में बिटिया भी कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों व सेवानिवृत्त कृषि अधिकारियों, वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि आप अपने-अपने क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीक किसानों को सिखाएं, जिससे उनको लाभ मिल सके। क्योंकि किसान ही अर्थव्यवस्था की रीड़ है। आज आबादी की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्र भारत है। इन सबकी अनाजों की व्यवस्था किसानों पर ही निर्भर है। आज आदि दुनिया भारत पर निर्भर रहती है। वह भारत देश के ही मित्र हैं। कृषि क्षेत्र में उत्तरोत्तर बड़ोत्तरी हो तथा इस तरह के कृषि मेले मील के पत्थर साबित होते हैं।

पूर्व कृषि मंत्री ने अच्छा कार्य करने बाले एफपीओ किसानों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इनमें अर्जुन सिंह पटेल बिलाटीकरके झाँसी, सूरज सिंह हरदुआ जालौन, जमुना प्रसाद बमोर झाँसी, मुदित कुमार चिरवरिया डोमागोर झाँसी, हरिमोहन दुबे मऊरानीपुर झाँसी, आँचल मेहता झाँसी, श्रीमती भूनना सहरिया ललितपुर, राजेश साहू ललितपुर, डुंडा सिंह जम्मू, दर्शन कुमार जम्मू हैं।

पुष्प प्रदर्शनी के विजेता अनूप अग्रवाल कैक्टस, सर्किट हाउस वार्षिक फूल समूह, श्रुति माथुर गोक आर्मी कैंट फूलों की सजावट, मनीष अग्रवाल पेटुनिया डबल ग्रुप, अनिता पुयाम फर्न समूह, अधिकचक नारायण बाग बारहमासी पर्ण समूह, अनिल कुमार शर्मा वार्षिक फूलों की सजावट में प्रमाण प़त्र देकर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि ने विवि द्वारा किसानों के लिए सफेद बटन मशरूम, मधुमक्खी पालन, श्रीअन्न तकनीकी बुलेटिन आदि स्मारिकाओं का विमोचन किया। श्री अन्न प्रशिक्षण एवं पकवान प्रदर्शनी के विजेताओं में भोजन वर्ग में बुन्देली थाली की डॉ. स्वप्निल मोदी को प्रथम, होटल ग्रैंड तुलसी को द्वितीय एवं रीना कुमारी मेहता को तृतीय पुरस्कार मिला। नाश्ता वर्ग में होटल नटराज सरोवर को प्रथम, होटल लेमन ट्री को द्वितीय एवं रामश्री गुप्ता को तृतीय पुरस्कार मिला। मिष्ठान वर्ग में चायवाला फाउंडेशन (आनंदी महिला सहायता समूह, उरई) के ज्वार के रसगुल्ले को प्रथम, जायदा परवीन की रागी टर्किश आइसक्रीम को द्वितीय एवं नेहा सिंह को तृतीय पुरस्कार मिला। विद्यार्थियों की श्रेणी में कृषि विवि के अनन्या - दीपांकर ग्रुप को प्रथम, आकांक्षा एवं तनु गौतम को द्वितीय और कपिल एवं टीम को तृतीय पुरस्कार मिला। स्टाॅल प्रतियोगिता में आईसीएआर सीएआरआई इज्जतनगर एवं आईसीएआर आईवीआरआई बरेली को संयुक्त रूप स आईसीएआर संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों के वर्ग में प्रथम स्थान दिया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र - शिवपुरी को केवीके वर्ग में प्रथम सथान दिया गया। निजी संस्थानों के वर्ग में फार्म ट्रैक इंडस्ट्रीज तथा एफपीओ वर्ग में खेरी माता दोना पत्तल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सरकारी एवं अद्ध सरकारी वर्ग में नाबार्ड झाँसी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। सभी मेले के स्टाॅलों में “सतत् विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि” स्टाॅल रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि को प्रथम स्थान मिला। विवि द्वारा तैयार यूट्यूब चैनल का भी विमोचन किया। इस चैनल द्वारा प्रत्येक 15 दिन में किसानों को कृषक जानकारी दी जाएगी।

संयुक्त सचिव कृषि मंत्रालय भारत सरकार सैमुएल परवीन कुमार ने आईसीएआर उत्तरी राज्यों में अपनी भूमिका निभा रहा है। कृषि नवाचार एवं कृषि के प्रचार प्रसार में ऐसे मेले अहम भूमिका निभाते हैं। इस आयोजन से निश्चित ही किसान लाभान्वित होंगे।

मेयर बिहारी लाल आर्य ने वीर भूमि झाँसी पर सबका स्वागत करते हुए कहा कि इस कृषि विवि बनने से बुंदेलखण्ड वासियों को बड़ी खुशी व गौरव की बात हुई है। यह सब प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा ही सम्भव हो पाया है। प्रधानमंत्री निरन्तर कृषि क्षेत्र में देश को बढ़ा रहे हंै। भारत की पहचान है खेत खलियान सकल राष्ट्र में सफल बने किसान। कुलाधिपति डाॅ. पंजाब सिंह ने कहा कि दस वर्षों में कृषि क्षेत्रों में कई बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस कृषि विवि को ऐसे कुलपति मिले हें जिनको भारत सरकार कृषि मंत्रालय में प्रसार सहित अन्य क्षेत्रों का अच्छा अनुभव है। इससे निश्चित ही विवि और कारगर होगा। आज के अंतिम तकनीकी सत्र में कृषि एवं समाज में महिलाओं की भूमिका विषय पर परिचर्चा हुई इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के संयुक्त सचिव सैमुएल प्रवीन कुमार ने की। सहअध्यक्ष डाॅ. वीके बेहेरा संयोजक डाॅ. अर्तिका सिंह प्रभारी डाॅ. विजी लक्ष्मी समन्वयक डाॅ. शुभा त्रिवेदी सहित श्रीमती पूजा शर्मा, श्रीमती नीलम त्यागी, श्रीमती कृष्णा यादव, डाॅ. साधना पाण्डे, डाॅ. केशव (आईसीएआर), डाॅ. अलका जैन, डाॅ. प्रियंका शर्मा ने अपने - अपने विचार रखे। इस मेले को सफल बनाने में निदेशक शोध, डाॅ एसके चतुर्वेदी, निदेशक शिक्षा, डाॅ. अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि डाॅ. आरके सिंह, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डाॅ वीपी सिंह, अधिष्ठाता मत्स्य डाॅ.वीके बेहेरा, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डाॅ मनमोहन डोवरयाल, कुलसचिव डाॅ. मुकेश श्रीवास्तव, पुस्तकालयाध्यक्ष डाॅ. एसएस कुशवाह, सहित सभी वैज्ञानिकों ने अपनी सहभागिता दी। संचालन डाॅ. अर्तिका सिंह व डाॅ. आशुतोष शर्मा ने एवं आभार मेला संयोजक निदेशक प्रसार शिक्षा, डाॅ. एसएस सिंह ने व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

/आकाश

   

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