16 फरवरी को कामबंदी करेंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान

मेरठ, 14 फरवरी (हि.स.)। पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच से भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने अभी तक दूरी बनाई हुई है, लेकिन 16 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कामबंदी का ऐलान किया है। इस दिन किसान खेतों में काम नहीं करेंगे।

पंजाब के किसान बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर पर जुटने शुरू हो गए हैं। उन्हें रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन ने बॉर्डर पर सीमेंट की ऊंची दीवारें खड़ी करा दी और सड़क पर लोहे की कीलें ठोंक दी। पिछले किसान आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाली भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने इस बार आंदोलन से दूरी बनाई हुई है। इसके बाद भी भाकियू ने अपने आंदोलन को अंदर ही अंदर गर्माना शुरू कर दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवकता राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा कामबंदी की घोषणा की है। इस घोषणा को सफल बनाने के लिए भाकियू नेता लगातार काम कर रहे हैं। भाकियू नेतृत्व ने किसानों से एक दिन खेतों में काम नहीं करने का आह्वान किया है।

भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि किसान भी देश का हिस्सा है। उन्हें भी अपनी बात करने का हक है। जब देश में हर वर्ग काम बंदी कर सकता है तो किसान क्यों नहीं कर सकता। इसलिए 16 फरवरी को किसान खेतों पर नहीं जाएंगे, न ही काम करेंगे। सभी जिलों में किसानों से संपर्क किया जा रहा है। किसान आंदोलन खत्म होने के समय एमएसपी गारंटी और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक मांगों को पूरा नहीं किया गया। 16 फरवरी की कामबंदी के बाद 14 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/बृजनंदन

   

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