पंचायतों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से मिले 1651 करोड़ रुपये: सतपाल महाराज

देहरादून/रुद्रपुर, 16 फरवरी (हि.स.)। पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण के लिए 15वें वित्त आयोग से राज्य को अब तक कुल 1651 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। ये जानकारी शुक्रवार को मंत्री सतपाल महाराज ने बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और कार्मिकों की गांधी पार्क में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ के मौके दी।

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। हमारी सरकार सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए संकल्पबद्ध है। इसी उद्देश्य से क्षेत्र पंचायत प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से करने के लिए हमारी सरकार के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 243 के अन्तर्गत संशोधन कर केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य में बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन के लिए 95 विकासखण्डों में 85 कॉम्पैक्टर्स स्थापित किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि दो वर्षों में राज्य में 1250 पंचायत भवनों का निर्माण किया है और लगभग 400 का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। पंचायत भवनों में सीएससी सेंटर के रूप में अब तक 250 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया जा चुका है। राज्य सेक्टर योजना तथा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अन्तर्गत कुल 1000 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर की स्थापना का कार्य किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि मसूरी हिल स्टेशन के समीप विकासखण्ड सहसपुर की क्यारकुली भट्टा ग्राम पंचायत में लगभग 15 करोड़ की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग के साथ कैफेटेरिया के निर्माण के लिए कार्य चल रहा है। मंत्री महाराज ने कहा कि ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 3500 रुपये प्रतिमाह किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायतों के अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन है। हमने विकास के रोडमैप के तहत 2025 तक राज्य की अवशेष सभी 7795 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण एवं कम्प्यूटर की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है। 662 न्याय पंचायतों में स्थापित पंचायत भवनों को दीन दयाल उपाध्याय मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/वीरेन्द्र

   

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