लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा खूंटी में बाइपास सड़क का निर्माण

खूंटी, 21 फ़रवरी (हि.स.)। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही खूंटी की बहुप्रतीक्षित बाईपास सड़क निर्माण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। स्थानीय लोगों का मानना है कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यह बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा राजनीतिक दलों खासकर भाजपा के लिए गले की हड्डी बन सकता है लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ दिन पहले जिस प्रकार खूंटी को रेल लाइन से जोड़ने का शिगूफा छोड़ा गया था, वैसा ही इस बार भी किया जा सकता है।

झारखंड विकास मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा कहते हैं कि चुनाव का समय आते ही खूंटी के लोगों को बाइपास रोड के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोज-रोज सड़क जाम की समस्या से जूझ रहे खूंटीवासी अलग जिला गठन के बाद से ही शहर में बाइपास सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं। गत चुनावों में खूंटी वासियों की यह मांग प्रमुख चुनावी मुद्दा भी रही है।

गत लोकसभा चुनाव में खूंटी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले अर्जुन मुंडा जब केंद्र में कद्दावर मंत्री बने तब लोगों को भरोसा था कि खूंटी में बाइपास सड़क का निर्माण अब जल्द ही हो जाएगा। अब जबकि स्थानीय सांसद का कार्यकाल लगभग पूरा होने को है और आगामी चुनाव सिर पर है तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को यह डर सताने लगा है कि खूंटी की यह चिरलंबित मांग कहीं चुनाव में उनके लिए गले की हड्डी ना बन जाए। इसलिए सांसद के जिला प्रतिनिधि बाइपास सड़क निर्माण जल्द शुरू होने की बात कह रहे हैं।

दिलीप मिश्रा ने कहा कि बाइपास सड़क निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2017 में जैसा था, अभी भी वैसा ही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनएच 75-ई के कार्यपालक अभियंता विनोद कच्छप से बात करने पर अभियंता ने बताया कि इस संबंध में झारखंड सरकार द्वारा केंद्र को सिर्फ प्रस्ताव भेजा गया है। अभी डीपीआर की स्वीकृति नहीं हो पाई है और न ही कंसल्टेंट की बहाली हुई है। अभी भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबित है और अधियाचना भी नहीं हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/चंद्र प्रकाश

   

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