जनता दरबार में आयुक्त सचिव डॉ. रश्मि सिंह ने सुनी शिकायतें, प्राथमिकता के आधार पर हल करने के दिए निर्देश

कठुआ 22 फरवरी (हि.स.)। आतिथ्य एवं प्रोटोकॉल विभाग की आयुक्त सचिव डॉ. रश्मि सिंह ने कठुआ शहर के टाउन हॉल में एक जनता दरबार की अध्यक्षता की जहां उन्होंने सार्वजनिक महत्व के मुद्दों के अलावा शिकायतों को सुना।

इस अवसर पर उपायुक्त कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास, एडीडीसी कठुआ अंकुर महाजन और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जनता दरबार में लोगों ने आयुक्त सचिव डॉ. रश्मि सिंह को स्थानीय लोगों के सामने आने वाले मुद्दों से अवगत कराया और उच्च स्तर पर शिकायतों के समाधान के लिए हस्तक्षेप की मांग की। डॉ. रश्मि सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि विकास एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और सार्वजनिक कार्यों को प्राथमिकता देने में जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक मशीनरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जिला अधिकारियों को उपस्थित लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया। डॉ. रश्मी सिंह ने हितधारक विभागों से सावधानीपूर्वक योजना अपनाने का आह्वान किया जो नियोजित कार्य के बेहतर निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

जेके यूटी की सांस्कृतिक प्रोफ़ाइल को बढ़ावा देने के लिए आतिथ्य और प्रोटोकॉल विभाग द्वारा की गई एक प्रमुख पहल पर प्रकाश डालते हुए डॉ. रश्मि सिंह ने उल्लेख किया कि कारीगरों को प्रोत्साहन देने के लिए बसोहली पेंटिंग, पश्मीना का काम और जम्मू-कश्मीर की विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए नई दिल्ली में जेके उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले मढ़हीन और नगरी के डीडीसी सदस्यों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित मुद्दे उठाए जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बीपीएल परिवारों और किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान करना, तरना नाले के पास अचानक बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों के लिए सुरक्षा कार्य शीघ्र शुरू करना और कैपेक्स के उपयोग की मंजूरी देना। विकासात्मक परियोजनाओं के लिए धन की बचत। डीडीसी नगरी ने बीमार रोगियों की सुविधा के लिए नगरी में क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस की उपलब्धता और नागरी निर्वाचन क्षेत्र के बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में सुरक्षा दीवारों जैसे पर्याप्त उपायों की भी मांग की जो विशेष रूप से मानसून के दौरान उज्ज सहायक नदियों में पानी बढ़ने के कारण असुरक्षित हैं। आयुक्त सचिव ने नागरिक समाज और प्रमुख नागरिकों की शिकायतें भी सुनीं। डॉ. रश्मि सिंह ने संबंधित विभागों के साथ बातचीत करते हुए संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को हल करने में सार्वजनिक-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

   

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