जल है तो कल है, अन्यथा उसी दिन जीवन का अंत है: नीलकंठ सिंह मुंडा

खूंटी, 14 मार्च (हि.स.)। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, जल है तो कल है] अन्यथा उसी दिन जीवन का अंत है। इसलिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त इस अनमोल रत्न को हमें बेवजह बर्बाद नहीं करना चाहिए, जल संरक्षण के प्रति सभी को गंभीर होना चाहिए, ताकि आनेवाली पीढ़ियों को इसके लिए तरसना ना पड़े ये बातें खूंटी के भाजपा विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कही। विधायक गुरुवार को मुरहू प्रखंड की हास्सा पंचायत के बांधटोली गांव में चापानल अधिष्ठापन कार्य का शिलान्यास तथा नवनिर्मित सोलर आधारित जल मीनार का उद्घाटन करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।

विधायक ने बताया कि उनकी अनुशंसा पर खूंटी विधानसभा क्षेत्र की 41 पंचायत में पांच-पांच कुल 205 चापानल अधिष्ठापन स्थापना का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किया जाना है। उन्होंने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल संरक्षण एवं कृषि उन्नयन के उद्देश्य से उन्होंने क्षेत्र में हजारों तालाबों का निर्माण कराया है। जल छाजन मिशन इसका अच्छा उदाहरण है, जिसके माध्यम से अपने मंत्रित्व काल में भी कई तालाब का निर्माण कराया गया। उन्होंने बताया कि मुरहू में बनई नदी पर बीयर निर्माण कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है।

मुरहू के लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में यह मील का पत्थर साबित होगा। इनके अतिरिक्त सभा को प्रखंड प्रमुख एलिस ओड़ेया, जिप सदस्य नेलानी देमता, मुखिया ज्योति डोडराय, मुखिया नूतन देवी, समाजसेवी गोविंद मांझी, विधायक प्रतिनिधि काशीनाथ महतो, पंचायत समिति सदस्य मनीषा कुमारी एवं मुरहू मंडल भाजपा अध्यक्ष राम बिहारी लाल ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण ग्राम प्रधान लोदो मुंडा और संचालन गोमेश्री पहान ने किया। इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर ग्रामीणों ने विधायक का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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