छह से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार बदल चुकी है सपा, अब शिवपाल ने जतायी असमर्थता

लखनऊ, 02 अप्रैल (हि.स.)। एक तरफ भाजपा जहां घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रही है। वहीं सपा अपने उम्मीदवारों को ही बदलने में माथा-पच्ची कर रही है। वहीं अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने मंगलवार को बंदायू से चुनाव न लड़ने के लिए अखिलेश को पत्र लिखकर उनका सिरदर्द और बढ़ा दिया है। समाजवादी पार्टी की घबराहट ही उसके लिए सिर दर्द बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर बदायूं से चुनाव न लड़ने की अपनी इच्छा जता दी है। इसको लेकर राजनीतिक हल्कों में काफी हलचल रही। उधर भाजपा को चुटकी लेने का मौका मिल गया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि हकीकत में सपा एक डूबती नैया है और डूबती नैया पर सवारी कर कोई खुद डूबना नहीं चाहता। शिवपाल यादव को भी इसका एहसास पहले से था। उन्हें जबरदस्ती सपा चुनाव लड़ा रही थी।

पश्चिमी उप्र में अब तक घोषित प्रत्याशियों में समाजवादी पार्टी ने अपने छह से ज्यादा उम्मीदवारों को बदल चुकी है। इससे भीतरघात होने की संभावना बढ़ गयी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस समय काफी दबाव में काम कर रहे हैं। इस दबाव की राजनीति के कारण उनको उप्र में कई जीतने की उम्मीद वाली सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ सकता है। जहां भी उम्मीदवार ऐन वक्त पर बदले गये, वहां भीतरघात की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

सोमवार को ही अखिलेश यादव ने मेरठ में घोषित उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह की जगह सरघना के अपने विधायक अतुल प्रधान को टिकट दे दिया। बागपत में भी बदलाव किया गया। वहीं मुरादाबाद से अपने सिटिंग सासंद एसटी हसन का टिकट अंतिम समय में काटकर रूचि वीरा को दे दिया। माना जा रहा है कि एसटी हसन को आजम खान के विरोधी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा। अब शिवपाल ने चुनाव न लड़ने की असमर्थता जता दी है। गौतमबुद्धनगर से सपा ने डाक्टर महेन्द्र नागर को पहले टिकट दिया। फिर उनका टिकट काटकर राहुल अंवाना को टिकट दे दिया। मिश्रिख से पहले मनोज राजवंशी को टिकट दिया गया। अब उनकी जगह संगीता राजवंशी को टिकट दे दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश

   

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