बाड़मेर से भाटी और बांसवाड़ा से रोत ने अपनी-अपनी लोकसभा सीट को बना दिया 'सुपर हॉट'

जयपुर, 7 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान की दो लोकसभा सीटें अब 'सुपर हॉट' सीट बन गई है। ये दोनों सीटें बाड़मेर और बांसवाड़ा है। बाड़मेर लोकसभा सीट से वर्तमान विधायक रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय के तौर पर मैदान में है, तो बांसवाड़ा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी से वर्तमान विधायक राजकुमार रोत चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों नेताओं की चर्चा पूरे प्रदेश में है। दोनों ही युवा नेताओं ने भाजपा और कांग्रेस पार्टी के पसीने छुड़ा रखे है। राजस्थान की सबसे हॉट सीट बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। बाड़मेर सीट से प्रत्याशी रविंद्रसिंह भाटी ने विधानसभा चुनाव 2023 में निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर जीत हासिल की थी। इसके बाद अब एक बार फिर भाटी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। उनके सामने भाजपा से कैलाश चौधरी और कांग्रेस से उम्मेदाराम चौधरी हैं।

भाटी को क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से गजब का समर्थन मिल रहा है। कयास है कि रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव लड़ने से सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को होने की संभावना है। हालांकि, भाजपा ने उन्हें मनाने का काफी प्रयास किया। लेकिन सब प्रयास विफल रहे। बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 21 लाख 60 हजार है। इसमें जाट मतदाताओं की संख्या 4.5 लाख है, वहीं राजपूत समाज के तीन लाख मतदाता है। वहीं, मुस्लिम समाज के भी करीब 2.70 लाख मतदाता है। जबकि अजा-जजा को मिलाकर चार लाख वोट है तो वहीं मूल ओबीसी की लगभग 23 जातियों के मिलाकर 6.5 लाख वोट है। ब्राह्मण मतदाता 80 हजार व एक लाख अन्य मतदाता है।

दूसरी ओर प्रदेश में भारतीय आदिवासी पार्टी धीरे-धीरे अपने पैर पसार रही है। बाप पार्टी ने लोकसभा चुनाव में चौरासी से वर्तमान विधायक राजकुमार रोत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने अरविंद डामेर को तो वहीं भाजपा से महेंद्रजीत मालवीया को चुनावी मैदान में उतारा है। बांसवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। 2014 के बाद यहां दो बार लगातार भाजपा को जीत मिल रही है। दोनों बार भाजपा ने नए प्रत्याशी को मौका दिया। इस बार भी पार्टी ने सांसद कनकलाल कटारा का टिकट काटकर महेंद्रजीत मालवीया को दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी को बांसवाड़ा से अभी तक कोई उम्मीदवार नहीं मिल पाया है। महेंद्रजीत मालवीया कांग्रेस के बड़े नेता थे। उनके पाला बदलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर मुश्किल में घिर गई है। जबकि नामांकन दाखिल करने में कल आखिरी दिन बाकी है।

बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अब तक कुल 17 चुनाव हुए हैं। इनमें से अधिकांश बार यानी 12 बार जीतने वाली कांग्रेस ने भी हर बार प्रत्याशी बदल कर ही जीत हासिल की है। दो बार से इस सीट पर काबिज भाजपा इस बार यहां हैट्रिक लगाने की फिराक में है। 2014 में भाजपा के मानशंकर निनामा और 2019 में भाजपा के ही कनकलाल कटारा यहां से चुने गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

   

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