वासंतिक नवरात्र एवं हिन्दू नव वर्ष प्रारम्भ होने से चहुंओर उत्साहपूर्ण माहौल

हिन्दु नव बर्ष व चैत्र नवरात्र प्रारम्भहिन्दु नव बर्ष व चैत्र नवरात्र प्रारम्भ

मधुबनी,9 अप्रैल,(हि.स.)। जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण परिवेश में मंगलवार को चैत्र नवरात्रि एवं भारतीय नव वर्ष प्रारम्भ हो गया। ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को चैत्र नवरात्रि की पूजा- पाठ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मंगलवार को हिन्दू नव वर्ष का प्रथम दिन है।डाॅ. श्रीवास्तव ने देश वासियों को नव वर्ष मंगलमय की शुभकामना दी। चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक घरों व मंदिरों में शक्ति की देवी दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार आज ही के दिन मंगलवार से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है। हिन्दू धर्म शास्त्र में वासंतिक नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं।

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में पूरे विधि-विधान के साथ देवी के नौ रूपों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस बार, चैत्र नवरात्रि, नौ अप्रैल से शुरू हो रही हैं,क्योंकि प्रतिपदा तिथि आठ मार्च की रात से लग रही है। इसलिए उदया तिथि के कारण नवरात्रि नौ अप्रैल से है। सत्रह अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।

हिन्दू शास्त्रज्ञों के अनुसार इस बार माता रानी घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो तो माना जाता है कि मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं।

मिथिला पंञ्चाग के अनुसार कलश स्थापना मुहूर्त मंगलवार को पचास मिनट का समय है। कलश स्थापना नौ अप्रैल मंगलवार को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से सुबह 07 बजकर 30 तक बताया। कलश स्थापना सामग्री हिंदू धर्म के अंदर नवरात्रि में कलश स्थापना करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना के लिए सात तरह का अनाज, मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल कपड़ा और फूलों की सामग्री की आवश्यकता होती है । नवरात्रि में हवन का विशेष महत्व है। हवन सामग्री के लिए पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गूलर की छाल, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौ, सूखा नारियल, कलावा और लाल रंग का कपड़ा होना आवश्यक है। बताया कि मां दुर्गा की कृपा पाने का प्रयास हर भक्ति पूरी निष्ठा के साथ करता है।

माना जाता है कि अगर पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाए तो भक्तों के घर में सुख-शांति का वास होता है। मां दुर्गा की कृपा सदैव उन पर बनी रहती है।पं गुलाब मिश्र ने बताया कि वासंतिक नवरात्र में मां देवी दुर्गा की आराधना से सभी मनोकामना पूर्ण होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/डा लम्बोदर/चंदा

   

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