मेरठ में सख्ती के बाद भी सड़क पर हुई ईद की नमाज

शाही ईदगाह में नमाज पढ़ते नमाजी

-शाही ईदगाह में मुसलमानों से एकजुट होकर वोट करने की अपील की गयी

मेरठ, 11 अप्रैल (हि.स.)। मेरठ में ईद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुवार को पुलिस की सख्ती के बाद भी शाही ईदगाह के बाहर सड़क पर नमाज हुई। पुलिस के रोकने के बाद भी नमाजी नहीं माने और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए।

ईद-उल-फितर पर शहर के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। पुलिस, पीएसी के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए। रेलवे रोड स्थित शाही ईदगाह में नमाज पढ़ने के लिए गुरुवार सुबह से ही नमाजी जुटने लगे। ईदगाह भर जाने के बाद लोगों ने सड़क पर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया तो पुलिस ने उन्हें रोका। पुलिस के रोकने पर भी नमाजी नहीं माने तो पुलिस ने बेरिकेडिंग लगा दी। इसके बाद भी नमाजी नहीं माने और सड़क पर नमाज पढ़ी। पुलिस से नोकझोंक के बीच लोगों ने अल्लाह हू अकबर के नारे भी लगाए।

एकजुट होकर वोट करने की अपील की गयी

शाही ईदगाह में कारी शफीकुर्रहमान ने लोगों को नमाज अदा कराई। अपनी तकरीर में कारी शफीकुर्रहमान ने मुस्लिम समाज के लोगों से एकजुट होकर चुनाव में वोट करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सभी मुसलमान को एकजुट होकर किसी एक को लोकसभा चुनाव में अपना वोट करना चाहिए, ताकि तमाम आवाम के हित में सोचने वाली देश में हुकूमत बने। फिलीस्तीन में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है। जबकि दूसरे देश अन्याय करने वाले देशों के साथ खड़े हैं और फलस्तीन के मुसलमान के साथ नहीं खड़े हैं। इसलिए मुसलमान को एक-दूसरे की मदद के लिए खड़े हो जाना चाहिए। कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलमान किराएदार नहीं है, बल्कि साझेदार है। हमारे देश में पिछले दस वर्ष से ऐसा माहौल बना हुआ है, जिसे आपसी भाईचारा कटता चला जा रहा है, जबकि हमारा देश हिंदू-मुस्लिम के भाईचारे के नाम से जाना जाता था। अब इस समय मुसलमान के साथ ज्यादती हो रही है। जो मुल्क में चल रहा है, वह ठीक नहीं है। हिंदुस्तान में हिंदू हमारा बड़ा भाई है। यानी मुसलमान छोटे भाई के रूप में हैं। हमें एक दूसरे के सम्मान में खड़े रहना चाहिए। उन्होंने मुसलमान को भी सुधरने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं कि मुसलमान ने अपनी कौम को केवल मुसलमान दुकानदारों से ही सामान खरीदने के लिए कहा है, जबकि ऐसा नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/दिलीप

   

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