एनएसएफ ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती मनाई

जम्मू, 7 मई (हि.स.)। नेशनल सेक्युलर फोरम, एनएसएफ की विश्वविद्यालय इकाई ने देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस संबंध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें अंकुश अबरोल जम्मू प्रांतीय संयुक्त सचिव जेकेएनसी मुख्य अतिथि थे, जबकि डॉ. विकास शर्मा समन्वयक जम्मू जिला शहरी और क्षेत्रीय सचिव जेकेएनसी ने समारोह की अध्यक्षता की। टीआर शर्मा केएएस (सेवानिवृत्त) सम्मानित अतिथि थे।

एनएसएफ के कार्यकर्ताओं ने रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की और धरती पुत्र के चित्रों पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर बोलते हुए अंकुश अबरोल ने रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन इतिहास पर प्रकाश डाला और एनएसएफ के प्रयासों की सराहना की और युवाओं से समाज से सभी बुराइयों को खत्म करने के लिए आगे आने की अपील की। बोलते हुए डॉ. विकास शर्मा ने युवाओं से आत्मकेंद्रित दृष्टिकोण छोड़कर राष्ट्र के विकास में योगदान देने पर जोर दिया। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला जो एक बंगाली कवि, दार्शनिक, कलाकार, नाटककार, संगीतकार, उपन्यासकार और भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे।

टीआर शर्मा ने अपने भाषण में कहा कि ऐसे महान लोगों के बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिन्होंने देश और इसके लोगों को आजादी दिलाई। रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोरासांको ठाकुरबाई में हुआ था। रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म माता सारदा देवी और पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर के घर हुआ था और वह एक संपन्न ब्राह्मण परिवार से थे।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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