सूरत : न्यूज चैनल की आड़ में फर्जी नोट छापने का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

नौ लाख रुपये के पांच सौ और दो सौ रुपये के फर्जी नोट किए बरामद

सूरत, 22 मई (हि.स.)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सूरत के लिंबायत क्षेत्र में फर्जी नोट बनाने का पर्दाफाश किया है। यह काम एक न्यूज चैनल के कार्यालय में चलाया जा रहा था, जहां प्रिंटर की सहायता से फर्जी नोट छापकर आसपास की दुकानों, ठेले-गुमिटयों पर खपा दिया जाता था। पुलिस ने यहां से नौ लाख रुपये के पांच सौ और दो सौ रुपये के फर्जी नोट बरामद किए है। इसके अलावा प्रिंटर, लैपटॉप जब्त किया गया है। इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस उपाधीक्षक राजदीपसिंह नकुम ने बताया कि एसओजी को सूचना मिली थी कि लिंबायत में एक लोकल न्यूज चैनल चलाने वाले फिरोज और उसके साथी फर्जी नोट छापते हैं। किसी को शंका नहीं हो, इसके लिए नोट को लिंबायत क्षेत्र की सब्जी और अन्य ठेले-गुमटियों पर चला देते थे। डीसीपी राजदीप सिंह ने बताया कि शंका के आधार पर एसओजी टीम के सदस्यों ने वेष बदल कर निगरानी शुरू की। सब्जियों, कपड़े, फल की फुटकर सड़क किनारे लगी दुकानों पर निगरानी रखी गई।

बुधवार को एसओजी ने पुलिस बल के साथ न्यूज चैनल के ऑफिस पर तीनोें के इकट्ठा होने की जानकारी पर छापा मारा। पुलिस ने यहां से फिरोज शाह, बाबूलाल कपासिया और शफीक खान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यहां से 9 लाख रुपये के पांच सौ और दो सौ रुपये के फर्जी नोट बरामद किए है। इसके अलावा प्रिंटर, लैपटॉप भी जब्त किया गया है।

आरोपित शफीक ने बतया कि वह उज्जैन में जमीन-दलाली का काम करता था। उसके साथ जमीन दलाली का काम करने वाला अन्य आरोपित बाबुलाल कपासिया भी जुड़ गया था। शफीक और बाबूलाल दोनों एक महीना पहले सूरत जमीन दलाली के काम करने आए थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात फिरोज से हुई। तीनों ने नकली नोट बनाने का निश्चय किया। बाद में नफे को बराबर-बराबर बांटना तय हुआ था।

आरोपित फिरोज शाह ने पुलिस को बताया कि इंटरनेट के जरिए फर्जी नोट बनाने की जानकारी ली थी। इसके लिए उसने कलर प्रिंटर, असली नोट के लिए इस्तेमाल होने वाला कागज और सिक्युरिटी थ्रेड बनाने के लिए हरे रंग की चमकवाली बॉलपेन खरीदी थी। फिरोज को बाबूलाल कपासिया और शफीक खान मध्यप्रदेश से असली नोट वाले कागज और स्याही पहुंचाता था। तीनों आरोपित एक-साथ मिलकर पिछले दो महीने से न्यूज चैनल की ऑफिस की आड़ में प्रिंटर की मदद से नकली नोट छाप रहे थे।

पूछताछ में मुख्य आरोपित फिरोज शाह ने बताया कि वर्ष 2015 में वह झारखंड के धनबाद में 35 हजार के फर्जी नोट के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में वह दो साल तक जेल में रहा। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह बाहर आया। इसके बाद वह ब्याज पर पैसा देने के कारोबार से जुड़ा, लेकिन यहां उसका पैसा डूब गया। इसके बाद उसने अपनी खुद की न्यूज चैनल शुरू किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/सुनील

   

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