भगवान राम के सद्गुणों का आदर्श समाज के सम्मुख प्रस्तुत करना वाल्मीकि रामायण का प्रमुख उद्देश्यः डॉ वेदांती महाराज

हरिद्वार, 8 जून (हि.स.)। कथा व्यास डॉ रामविलास दास वेदांती महाराज ने कहा कि राम के सद्गुणों का उच्चतम आदर्श समाज के सम्मुख प्रस्तुत करना वाल्मीकि रामायण का प्रमुख उद्देश्य है। एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति, भ्राता एवं आदर्श राजा, एक वचन, एक पत्नी, एक बाण जैसे व्रतों का निष्ठापूर्वक पालन करने वाले राम का चरित्र उकेरकर अहिंसा, दया, अध्ययन, सुस्वभाव, इंद्रिय दमन, मनोनिग्रह जैसे षट्घ्गुणों से युक्त आदर्श चरित्र की स्थापना रामकथा का मुख्य प्रयोजन है।

वशिष्ठ भवन धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में आयोजित वाल्मीकि रामायण कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास डॉ रामविलास दास वेदांती महाराज ने भगवान राम की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने भगवान शिव के काकभुशुण्डि के साथ ज्योतिषाचार्य बनकर भगवान राम के दर्शन करने, ब्रह्मर्षि विश्वामित्र के द्वारा राक्षसों के अंत के लिए राम को मांगने, दशरथ के इंकार, गुरू वशिष्ठ के द्वारा राम का वर्णन, विश्वामित्र के द्वारा राम लक्ष्मण को अस्त्र-शस्त्र की दीक्षा, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध,राजा जनक के निमंत्रण पर जनकपुर पहुंचने की कथा का सुंदर चित्रण किया। उन्होंने अपनी दिव्य वाणी से त्रेता युग में अयोध्या में राम जन्मोत्सव को आज हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में मनाया।

श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने शॉल एवं माला भेंटकर एवं अखंड अखाड़े के अध्यक्ष पं अधीर कौशिक ने कथा व्यास वेदांती महाराज का भगवान परशुराम की प्रतिमा, फरसा, अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में भवानी कला सांस्कृतिक कला ग्रुप के बाल कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन सुधीर शर्मा ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

   

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