राम पर विवादित बयान, विधायक रोत पर मामला दर्ज करने की मांग को लेकर ज्ञापन

उदयपुर, 31 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत द्वारा भगवान राम और रामायण के पात्रों पर विवादित बयान देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रोत के खिलाफ आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोल लिया है। बुधवार को आदिवासी बहुल कोटड़ा के आदिवासी युवाओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर रोत के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज करने की मांग की है।

एडवोकेट हिम्मत तावड़ ने बताया कि भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत द्वारा भारतीय संस्कृति व आस्था रामायण व रामायण के महानायकों माता सबरी भीलनी, निषादराज, हनुमानजी, राम, लक्ष्मण, सीता को काल्पनिक कहकर अपमानित करने पर आदिवासी समाज आहत है। राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में रोत पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295। के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की गई है।

तावड़ ने कहा कि जनजाति समाज सनातन संस्कृति का पोषक व संरक्षक समाज है ,यहां हर व्यक्ति अपने बच्चों के नाम के साथ राम शब्द जोड़ता है, यहां हर गांव में हर व्यक्ति मिलते समय राम-राम बोलता है, लोकाई, शादी, ब्याह में लाइन से खड़े होकर राम-राम बोलते हैं। राम हमारे जीवन के आदर्श हैं। भगवान राम 10 वर्षों तक वनवास के समय दंडकारण्य में आदिवासियों के बीच रहे हैं। आदिवासियों को संगठित किया, जीवन जीने की राह दिखाई, आदिवासियों को शक्ति संपन्न बनाकर लंका पर विजय प्राप्त की।

उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में राजनीतिक दल के नेता ईसाई मिशनरियों व विदेशी शक्तियों से प्रेरित होकर आदिवासियों को संस्कृति, धार्मिकता की पटरी से नीचे उतारकर धर्मांतरण गैंग को सपोर्ट करने के लिए हिन्दू देवी देवताओं को काल्पनिक बताकर युवाओं के मन से पूर्वजों की आस्था को डिलीट करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की आवश्यकता बताई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर

   

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