सर्वोच्च न्यायालय में एक मार्च को होगी सहरसा में एम्स अस्पताल निर्माण की सुनवाई : प्रवीण आनंद

सहरसा,02 फरवरी (हि.स.)।कोशी वासियों के लिए खुशखबरी यह है कि सर्वोच्च न्यायालय में विद्वान अधिवक्तागण के तर्क संगत एवं लोकहित की वास्तविकता को जानकर न्यायसंगत बहस को सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर लिया है।कोशी विकास संघर्ष मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष विनोद कुमार झा अधिवक्ता एवं मोर्चा के प्रधान संरक्षक पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद द्वारा लाखों कोशी वासियों के स्वास्थ्य एवंं जीवन रक्षार्थ के साथ ही कोशी प्रमंडल के चहुंमुखी विकास हेतु सर्वोच्च न्यायालय में याचिका संख्या 810/2024 द्वारा सहरसा में देश का सबसे बड़ा महा-अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बने विशेष अनुमति याचिका दायर किया गया है।

इसके साथ ही सचिव ,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, निदेशक पीएमएसएसवाई भारत सरकार , संयुक्त सचिव पीएमएसएसवाई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार,प्रधान सचिव द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, बिहार सरकार , जिला पदाधिकारी, सहरसा,सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा अधिकारी,सहरसा तथा अपर मुख्य सचिव ,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार सरकार ,को नोटिस कर 1 मार्च को जवाब देने का आदेश दिया है कि बिहार में दूसरे एम्स के निर्माण हेतु सहरसा सहित राज्य की कौन सा भूमि उपयुक्त है। जो एम्स के मानक को पूरा करती है। इस आदेश से सहरसा में एम्स की भूमि का निरीक्षण होने की संभावना बढ़ गई है और यहाँ की भूमि एम्स मानक को पूरा करती है, क्योंकि एम्स निर्माण संघर्ष समिति के लगातार प्रयास से हीं जिला पदाधिकारी ने एम्स मानक हेतु सभी गाईडलाईन को देखकर ही अपने पत्रांक 1525 दिनांक 26 अगस्त 2017 को एम्स मानक के अनुसार 217 एकङ 74 डिसमिल भूमि भेजी थी। कोशी वासियों को उसी दिन से सहरसा में एम्स बनने की आस जगी है ।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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