भवनों के लिए फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र अनिवार्य

उदयपुर, 9 फ़रवरी (हि.स.)। फायर एण्ड लाईफ सेफ्टी में वर्णित तकनीकी पेरामीटर्स के अनुसार क्षेत्र में अग्नि दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए भवनों में अग्निशमन/अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं यथा अग्नि सुरक्षा यन्त्र तथा स्मॉक डिटेक्टर, स्प्रींक्लर, एमसीबी हूटर, फायर अलार्म इत्यादि की व्यवस्था करते हुए फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने बताया कि स्वायत्त शासन विभाग के आदेशानुसार शहर के सभी भवनों इसमें पेईंग गेस्ट, होटल, रेस्टोरेंट, शिक्षण संस्थान, फ्लेट्स, अपार्टमेंट, बार, रिसोर्ट, सभागार, पेट्रोल पंप, गैस फीलिंग स्टेशन, स्टोरेज, बिल्डिंग, हॉस्पिटल, कोचिंग सेंटर, मल्टीप्लेक्स, कॉम्प्लेक्स, औद्योगिक इकाईयां, रूफ टॉप, हजार्ड भवन तथा 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले सभी प्रभार के भवनों में अग्निशमन, अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं अनिवार्य हैं। निरीक्षण के आधार पर अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं पाए जाने पर या समुचित अग्निशमन यन्त्र नहीं पाए जाने पर उनके विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित/गैर अनुमोदित निर्मित भवन/परिसर के स्वामी अथवा उपयोगकर्ता पर 5000 रुपये की शास्ति लगाकर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 291 के अंतर्गत कार्रवाई की जावेगी।

उन्होंने बताया कि फायर एनओसी जारी करने के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा नगर निगम क्षेत्र के साथ-साथ उदयपुर विकास प्राधिकरण तथा अधिसूचित नगरीय क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में भी उपरोक्त गतिविधियों के लिए अग्निशमन उपकरणों की सुनिश्चिततापरान्त फायर एनओसी जारी की जा सकेगी। एनओसी जारी होने के एवं सूचीबद्ध एजेन्सी द्वारा निरीक्षण किए जाने के उपरान्त भी यदि फायर संबंधित कोई घटना घटित होती है तो ऐसी स्थिति में उपरोक्त एजेन्सी का लाईसेंस रद्द कर संबंधित अभियोगी पर 5000 रुपये की शास्ति लगाकर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 291 के अंतर्गत कार्रवाई की जावेगी तथा जारी की गई फायर एनओसी को रद्द कर दिया जाएगा। उपरोक्त वर्णित घटना के कारण यदि किसी भी तरह की मानवीय क्षति होती है तो मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा संबंधित थाने में उपरोक्त एजेन्सी एवं अधिभोगी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी। इस संबंध में रद्द की गई एनओसी को पुनः जारी किए जाने हेतु यदि अधिभोगी आवेदन करता है तो उस अधिभोगी को पुनः पूर्ण फायर एनओसी आवेदन शुल्क तथा फायर सेस राशि जमा करानी होगी।

आयुक्त ने बताया कि मुख्य अग्निशमन अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण कर सकेंगे तथा समुचित फायर उपकरण चालू हालत में नहीं पाए जाने पर संबंधित परिसर के उपभोगी को नोटिस जारी कर पाबन्द करेंगे। संबंधित परिसर के अधिभोगी द्वारा नोटिस की पालना नहीं करने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी होने पर किसी भी निर्मित भवन/परिसर या भूमि को नियमन के लिए अनुमोदित अथवा स्वामित्व का प्रमाण पत्र या भवन निर्माण स्वीकृति, अधिवास की स्वीकृति, पूर्णता प्रमाण पत्र अथवा भू-उपयोग परिवर्तन का अनुमोदन नहीं माना जाएगा तथा इस संबंध में नियमानुसार पृथक से आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि एनओसी का समय पर नवीनीकरण नहीं कराने पर भी कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/संदीप

   

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